नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे सैकड़ों छात्रों ने आज एम्स प्रशासन (AIIMS Administration) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सभी छात्र एम्स के जेएलएन ऑडिटोरियम (AIIMS JLN Auditorium) में धरना पर बैठ गए. प्रदर्शन के पीछे की वजह उनके एक साथी अभिषेक मालवीय की मौत बताई जा रही है. मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि उनके साथी की मौत के लिए एम्स प्रशासन (AIIMS Administration) जिम्मेदार है. इसके विरोध में छात्रों ने खूब हंगामा किया और इंसाफ की मांग की.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि अगर एम्स प्रशासन (AIIMS Administration) छात्रों को हॉस्टल उपलब्ध करा देता तो यह घटना नहीं होती. हंगामा बढ़ता देख सुरक्षाकर्मियों ने सभी को शांत करने की कोशिश की लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही. इसके बाद एम्स के कुछ अधिकारी सामने आये, जिसके बाद छात्रों से उनकी लगातार बातचीत चल रही है. सभी प्रदर्शनकारी अभिषेक मालवीय की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाकर उसे श्रद्धांजलि दे रहे हैं. उनकी मांग है कि जब तक उन्हें हॉस्टल नहीं मिल जाता, तब तक वह वहां से नहीं हटेंगे.
छात्रों का यह भी कहना है कि कल एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Dr. Randeep Guleria) आश्वासन देकर चले गए थे लेकिन पूरी तरह से कोई ठोस आश्वासन उन्होंने नहीं दिया गया है. जब तक उन्हें लिखित में कुछ ठोस आश्वासन नहीं मिलता है, तब तक वह यहीं बैठे रहेंगे. ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्रों ने बताया कि अभिषेक मालवीय एम्स में 2021 बैच का छात्र था. उसे एम्स के तरफ से हॉस्टल की सुविधा नहीं दी गई. मजबूरन उसे एम्स से दूर निजी हॉस्टल में रहना पड़ा. छात्रों का आरोप है कि अभिषेक के उपचार के दौरान भी लापरवाही हुई.
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छात्रों का कहना है कि उन्होंने कई बार लिखित में एम्स प्रशासन से हॉस्टल की बात कही, लेकिन उन्हें हॉस्टल मुहैया नहीं कराया जा रहा है. काफी लोग दूर-दराज से एम्स में पढ़ने के लिए आते हैं. जहां रहते हैं, वहां प्रदूषण भी काफी रहता है. साफ-सफाई सही नहीं होने के कारण छात्रों की तबीयत भी खराब हो जाती है. अभिषेक मालवीय की जब तबीयत बिगड़ने लगी, तब उसे अस्प्ताल पहुंचाया गया लेकिन इस दौरान उसकी हालात गंभीर हो गयी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.