नई दिल्लीः दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर एक साल बाद भी किसान उसी जोश के साथ आंदोलन कर रहे हैं, जिसके साथ शुरू किया था. ईटीवी भारत की टीम ने सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से तीन कृषि कानून वापस होने और आंदोलन का एक साल पूरा होने (One year of Kisan Andolan) को लेकर बात की. किसानों का कहना है कि सरकार जब तक पूरी तरह से किसानों की मांगें नहीं मानेगी, तब तक किसान इसी तरह बॉर्डर(Thousands of farmers at Singhu border) पर डटे रहेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग के बाद जो भी फैसला होगा उसके आधार पर किसान दिल्ली की ओर आने का फैसला करेंगे. सिंघु बॉर्डर में मौजूद किसानों (farmers at Singhu border)का कहना है कि अभी भी अपनी मांगों को लेकर सरकार से बात कर रहे हैं. सरकार से कई मीटिंग हो चुकी है. किसान, सरकार से आंदोलन के दौरान किसानों की हुई माैत के बाद बॉर्डर पर उनकी स्मारक बनाने के लिए जगह की मांग कर रहे हैं. साथ ही कई अन्य मांगें किसानों ने रखी है. यदि सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानेगी और जल्दी ही कोई समाधान नहीं निकला तो किसान इसी तरह दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे रहेंगे.
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किसानों के दिल्ली कूच की चेतावनी के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से भी दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल व पैरामिलिट्री फोर्स तैनात (Police force deployed on Singhu border)कर दिये गये हैं, ताकि दिल्ली की ओर बढ़ने वाले किसानों को रोका जा सके. 26 जनवरी काे हुए उपद्रव से दिल्ली पुलिस ने सबक लेकर इस बार पहले से ही पुख्ता इंतजाम किया है.