ETV Bharat / city

#Positive Bharat Podcast: आजाद हिंद फौज जैसे बुलंद हौसलों से पायें कामयाबी

author img

By

Published : Oct 21, 2021, 7:27 AM IST

Updated : Oct 21, 2021, 11:40 AM IST

ETV BHARAT POSITIVE PODCAST STORY ON azad hind fauj
ETV BHARAT POSITIVE PODCAST STORY ON azad hind fauj

भारत के स्वाधीनता का लक्ष्य लिए सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज ने देश की मिट्टी के लिए कई लड़ाईयां लड़ी. ना सिर्फ फौज के सैनिक, बल्कि पूरे भारत देश का इन्हें समर्थम प्राप्त था. आज के पाॅडकास्ट में आजाद हिंद फौज से जुड़े कुछ ऐसे किस्से जो आपको फिर उस दौर में ले जाएंगे, जहां आप जंग-ए-आजादी की खुशबू को महसूस कर सकें.

नई दिल्ली: तारीख 15 अगस्त, साल 1947 हमारा महान देश भारत (Azad Hind Fauj) अपने 200 सालों की गुलामी औऱ पराधीनता की जंजीरों से आजाद हुआ. इस स्वतंत्रता के रणपथ पर अग्रसर होने के रास्ते में कई बाधाएं आई, कई कुर्बानियां हुईं, कईयों ने अपनों को खोया, और कई खुद इस स्वाधीनता के हवन में आहुती बन बैठे, लेकिन आखिरी तक जो टिका वो था, हमारे बहादुर देशवासियों के बुलंद हौसले और अटूट हिम्मत.

आज के पॅाडकास्ट (Positive Bharat Podcast Azad Hind Fauj) में इसी अटूट हिम्मत और वीरता का प्रमाण बनती एक ऐसी सेना की कहानी, जिसने अपने खून के बल पर हमारे देश को आजाद मिट्टी की खुशबू सौंपी. आज के पॅाडकास्ट में हम बात करने जा रहे हैं, देश के स्वाधीनता आंदोलन (independence movement Azad Hind Fauj) में अहम भूमिका में रही आजाद हिंद फौज की.

ETV BHARAT POSITIVE PODCAST STORY ON azad hind fauj

ये भी सुनें: इब्राहिम अलक़ाज़ी, जिसने हिन्दी रंगमंच को लोकप्रिय बनाया

आजाद हिंद फौज, जब कभी इन तीन शब्दों का जिक्र हमारे कोनों को छुता है, तब हमारी चेतना हमें फिर से उस दौर में ले जाती है, जहां हम हमारे वीरों की शौर्यगाधा गुनगुना लगते हैं.

लेकिन जब कभी आजाद हिंद फौज को याद किया जाता है, तब सबसे पहला नाम नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Azad Hind Fauj Commander Subhash Chandra Bose) का लिया जाता है, हम में से कईयों को तो यह भी लगता है कि आजाद हिंद फौज की स्थापना खुद सुभाषचंद्र बोस ने ही की, लेकिन यह बात अर्धसत्य है. दरअसल आज़ाद हिन्द फौज का गठन पहली बार राजा महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा 29 अक्टूबर 1915 को अफगानिस्तान में किया गया था. मूल रूप से उस वक्त यह आजाद हिन्द सरकार की सेना थी, जिसका लक्ष्य अंग्रेजों से लड़कर भारत को स्वतंत्रता दिलाना था, लेकिन इसके कुछ साल बाद जब नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने दक्षिण-पूर्वी एशिया में जापान के सहयोग करीब 40,000 भारतीय स्त्री-पुरुषों की प्रशिक्षित सेना का गठन शुरू किया, तब उसका नाम भी आजाद हिन्द फौज दिया गया, जिसके बाद ही उन्हें पूर्व में स्थापित हुई आज़ाद हिन्द फौज का सर्वोच्च कमाण्डर नियुक्त कर उनके हाथों में इसकी कमान सौंप दी. इसके बाद से ही भारत को पूर्ण स्वतंत्र कराने के अपने रवैये को लेकर इस फौज ने जंग-ए-आजादी में महान कृत्य करें, जिन्होंने कई ऐसे ऐतिहासिक किस्सों को जन्म दिया, जो हमारे लिए प्रेरणा स्वरूप बनें.

ये भी सुनें: 'मदर इन लॉ' के नाम से मशहूर लीला सेठ के आत्मविश्वास की कहानी

दरअसल द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेज सरकार ने बिना किसी की सलाह लिए भारत को युद्ध में शामिल कर दिया था, जिसपर सुभाष चंद्र बोस ने विरोध जताया, इसपर डरे हुए अंग्रेजी हुकूमत ने 5 जुलाई, 1940 को उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया. अंग्रेजी हुकूमत के इस डर ने ना केवल बोस को मजबूत किया, बल्की उनकी नेतृत्व में देश के लिए काम कर रही आज़ाद हिन्द फौज (Subhash Chandra Bose Japan) के सिपाहियों के मनोबल को और भी ज्यादा दृढ़ बनाया.

आजाद हिंद फौज अपने इकलौते मिशन भारत की स्वाधीनता का कफन बांधे हर दिन अंग्रेजो की सरकार के खिलाफ खड़े रहे, फौज के

इस जसबे से देश के आजादी आंदोलन को संबल मिला. फौज में खड़ी कैप्टन लक्ष्मी स्वामीनाथन के के नेतृत्व वाली महिला यूनिट के जोश से अंग्रेजो के खिलाफ यह लड़ाई और भी मजबूत ढंग से लड़ी गई. कमाल की बात यह थी कि यह उस दौर की बात थी, जब भारत संस्कृती में महिलाओं की आजादी की बाद दबे पांव की जाती थी, ऐसे में इस कदर बहादुरी और बुलंद स्वर में दहाड़ने वाली यह महिलाएं आज के नारी सश्क्तीकरण का बेहतरिन उदाहरण सिद्द होती है.

ये भी सुनें: विदेशी धरती पर उधम सिंह ने लिया जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला

बोस और उनके फौज को पूरे भारत का समर्थन प्राप्त था, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब फौज को आर्थिक कमजोरी आई तो पुरे देश ने एक साथ हो कर फौज को 80 (Azad Hind Fauj 80 kilo gold). किलो से ज्यादा सोने का दान दिया. 1951 में एक जापानी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार खजाने की वैल्यू तकरीबन साढ़े पांच करोड़ रुपए आंकी गई थी.

तो यह थे कुछ ऐसे किस्से जिन्होंने आजाद हिंद फौज के संघर्ष और लड़ाई को हमारे सामने रखा, सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से जुड़ी यह कहानियां हमें बताती है कि अगर आपके इरादे बुलन्द है, और आपको अपनों पर विश्वास है, तब चाहे पूरी दुनिया ही आपके खिलाप क्यों ना हो, लेकिन जीत आपकी ही होगी.

Last Updated :Oct 21, 2021, 11:40 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.