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ED ने दिल्ली शराब घोटाले में समीर महेंद्रू को किया गिरफ्तार, 3 दिन की मिली रिमांड

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Published : Sep 28, 2022, 10:42 AM IST

Updated : Sep 28, 2022, 6:34 PM IST

ईडी ने शराब घोटाले में समीर महेंद्रू को बुधवार सुबह गिरफ्तार (ed arrests sameer mahendru) किया है. शाम में कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 3 दिन की रिमांड मिल गई. वह इंडो स्पिरिट्स नाम कंपनी के मालिक हैं और उन पर आरोप है कि उन्होंने ठेका लेने के लिए घूस दिया.

ED arrests liquor baron Sameer Mahendru
ED arrests liquor baron Sameer Mahendru

नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी घोटाले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इंडो स्पिरिट्स कंपनी के मालिक समीर महेंद्रू को गिरफ्तार (ed arrests sameer mahendru) कर लिया. महेंद्रू को प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. शाम में कोर्ट ने 3 दिन की कस्टडी में भेज दिया. उनके जोरबाग स्थित घर पर ईडी ने इसी महीने छापेमारी भी की थी. इससे पहले मंगलवार शाम को आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रबंधक विजय नायर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. समीर महेंद्रू पर आरोप है कि उन्होंने ठेका लेने के लिए घूस दिया.

इससे पहले समीर 2013 में एक मामले में सीबीआई के गवाह भी रह चुके हैं. उन्होंने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के दो अधिकारियों के खिलाफ गवाही दी थी. यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा था. अधिकारी सुशांता मुखर्जी और अमृक सिंह पर आरोप था कि वो काम के बदले में शराब कारोबारियों से हर महीने 4-5 महंगी शराब की बोतल लेते थे. महेंद्रू की गवाही की बदौलत अदालत ने दोनों अधिकारियों को दोषी पाया था.

दिल्ली में शराब घोटाले का पूरा मामला: दिल्ली सरकार द्वारा गत वर्ष 17 नवंबर को नई आबकारी नीति लागू की गई थी जिसे अब वापस ले लिया गया है. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले महीने नई आबकारी नीति को लागू करने में अनियमितता व भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई से जांच की सिफारिश की थी. दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी. निर्धारित रेट पर ही चुनिंदा जगहों पर खुली दुकानों में ही शराब बेची जाती थी. केजरीवाल सरकार ने गत वर्ष नवंबर में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया था.

इसके तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों व दुकानदारों को दी गई थी. सरकार का कहना था कि इससे कॉम्पटीशन होगा और लोग कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे. इसके अलावा नई आबकारी नीति के अनुसार शराब की दुकान पर देसी और विदेशी सभी ब्रांडों की शराब एक जगह मिलनी थी. लेकिन नई आबकारी नीति के तहत नवंबर से दिल्ली में बिक रही शराब की दुकानों को अचानक बंद करने का सरकार ने फैसला लिया. जिससे शराब की बिक्री को लेकर अफरा-तफरी मच गई.

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दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-2022 के तहत पूरी दिल्ली को 32 लिकर जोन में बांटा गया. 9 जोन ने पहले ही लाइसेंस सरेंडर कर दिया है. इसके तहत 849 दुकानें खुलीं. 31 जोन में 27 दुकानें मिली और एयरपोर्ट जोन को 10 दुकानें मिलीं. 639 दुकानें 9 मई को और 464 दुकानें 2 जून को खोली गईं. जबकि इस 17 नवंबर 2021 को लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थी. 475 दुकानें सरकार चला रही थी, जबकि 389 दुकानें प्राइवेट थीं.

दिल्ली में नई आबकारी नीति को लागू करने के पीछे दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा तर्क शराब माफिया को खत्म करने और शराब के समान वितरण का था. साथ ही शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई और इसके साथ ही ड्राइ डे भी घट गए. इस नीति के लागू होने से दिल्ली पहली सरकार बनी जिसने शराब व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद पब्लिक प्लेस में स्टोर के आगे कोई शराब पीता है तो पुलिस नहीं बल्कि स्टोर वाला जिम्मेदार होता था.

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नई आबकारी नीति बनाने में बरती गई अनियमितता को लेकर इसी महीने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा आबकारी विभाग के पूर्व कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समिति ने 11 अधिकारियों को सस्पेंड किया था. यह कार्रवाई दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल को सौंपी गई 37 पेज की रिपोर्ट के बाद की गई है. रिपोर्ट में सतर्कता विभाग की जांच को आधार बनाया गया. विजिलेंस विभाग द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में कई तरह की कथित गड़बड़ियों को बताया गया है. इसमें एयरपोर्ट पर शराब की दुकान खोलने के लिए जरूरी एयरपोर्ट ऑपरेटर से एनओसी लाने में कामयाब ना होने वाले कंपनी को 30 करोड़ रुपये वापस किए जाना बताया गया है. इसे नियमों के खिलाफ बताया गया है.

इसी तरह कोरोनाकाल में लाइसेंस धारकों को 144 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देना, मैन्युफैक्चरर्स और ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को रिटेल में शराब बेचने का टेंडर मिलने, शराब कारोबारियों के एक साथ बिजनेस करने को भी आधार बनाया गया. रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर ए गोपीकृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी को सस्पेंड करने संबंधी फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई है जबकि 3 असिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर, नरेंद्र सिंह, नीरज गुप्ता, सेक्शन ऑफिसर कुलदीप सिंह, सुभाष रंजन, सुमन डीलिंग हैंड सत्यव्रत भटनागर, सचिन सोलंकी और गौरव मान को निलंबित कर दिया गया है. इनमें से पूर्व कमिश्नर की जगह अब कृष्ण मोहन को नियुक्त किया गया है.

सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, तमाम आरोपियों का नाम प्रमुख तौर पर इस प्रकार से हैं -

1. मनीष सिसोदिया - दिल्ली के उपमुख्यमंत्री
2. अरवा गोपी कृष्णा - पूर्व एक्साइज कमिश्नर
3. पंकज भटनागर - सहायक एक्साइज कमिश्नर
4. मनोज राय - पूर्व कर्मचारी, मेसर्स प्रमोद रिकॉर्ड, लखनऊ
5. विजय नायर - पूर्व सीईओ, ओनली मच लाउडर, मुंबई
6. अमनदीप ढल - निदेशक, मेसर्स ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड
7. आनंद तिवारी - डिप्टी कमिश्नर, आबकारी विभाग
8. समीर महेंद्रू - एमडी, इंडो स्पिरिट्स ग्रुप
9. अमित अरोड़ा - मेसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
10 मेसर्स बडी रेटेल्स प्राइवेट लिमिटेड
11.दिनेश अरोड़ा
12.मेसर्स महादेव लिकर्स - ओखला, दिल्ली
13.सनी मारवाह
14.अरुण रामचंद्र पिल्लई
15.अरुण पाण्डेय – गुरुग्राम
16.अज्ञात सरकारी और प्राइवेट पर्सन

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Last Updated : Sep 28, 2022, 6:34 PM IST
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