दिल्ली शराब घोटाले में आंध्र प्रदेश की दो कंपनियों के निदेशकों से जुड़े तार, ED के रडार पर बड़े नेता

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Published : Sep 22, 2022, 7:56 PM IST

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दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश में दो कंपनियों के निदेशकों से ईडी ने पूछताछ की है. इसमें आंध्र प्रदेश सरकार के बड़े नेताओं का नाम सामने आया है. ईडी की जांच में यह सामने आया है कि इन सभी कंपनियों का दिल्ली आबकारी नीतियों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन फंड का डायवर्जन अवैध पाया गया है.

हैदराबादः दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले की जांच आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तक पहुंच चुकी है. दरअसल, तलाशी में सामने आए ब्योरे के आधार पर ईडी के अधिकारी कई संदिग्धों से गुपचुप तरीके से पूछताछ कर रहे हैं. इसमें एक फार्मा कंपनी के प्रमुख और दो सॉफ्टवेयर कंपनियों के निदेशक वेन्नामनेनी श्रीनिवास राव शामिल हैं. गौरतलब है कि इस फार्मा सेलेब्रिटी का संबंध आंध्र प्रदेश सरकार के बड़े नेताओं से है.

इसके अलावा, यह जानकारी सामने आई है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में आंध्र की कुछ अन्य हस्तियों के व्यापारिक लेन-देन से संबंधित विवरण सामने आए हैं. इस मामले के आने वाले दिनों में और सुर्खियां बटोरे जाने की संभावना है. दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले ने राज्य में सियासी बवाल मचा दिया है. सबकी निगाह इसी पर टिकी थी, इसलिए अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से यहां अपना ठिकाना बना लिया. यहां एक फार्मा कंपनी के नामी शख्स से दो दिनों तक पूछताछ चली. इसके साथ ही दो सॉफ्टवेयर कंपनियों के भागीदारों से भी जानकारी जुटाई जा रही है.


पिछले सोमवार को, ईडी के अधिकारियों ने रामनाथपुर और माधापुर में दो सॉफ्टवेयर कंपनियों में तलाशी ली थी. रामनाथपुर के ऑफिस के उद्घाटन समारोह में एक नामी राजनीतिज्ञ ने हिस्सा लिया था. इसमें यह पाया गया कि यह राजनीतिज्ञ संबंधित संगठन से नजदीकी तौर पर जुड़ा था. ईडी के अधिकारियों को शक है कि यहां जब्त किए गए दस्तावेज और हार्ड डिस्क प्रॉफिट और लेनदेन के लिए पर्याप्त नहीं हैं और कंपनी का इस्तेमाल फंड के डायवर्जन के लिए किया जा सकता है. ठीक इसी तरह के मामले माधापुर के ऑफिस में भी देखने को मिला. ईडी ने दो दिनों में इन दोनों कंपनियों के चार निदेशकों से पूछताछ कर चुकी है.

ईडी की जांच में यह सामने आया कि फार्मा कंपनी के एग्जिक्यूटिव ने शराब के ठेके पाने के लिए दिल्ली जाने के लिए प्लेन का इंतजाम किया और उसमें कई चक्कर लगाए. रॉबिन डिस्टिलरीज और रॉबिन डिस्ट्रीब्यूशन में पैसा कहां से आया, इसकी जांच शुरू होने पर कई कंपनियों के नाम सामने आ रहे हैं. ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियां कारोबारी लेन-देन के लिए बनाई गई हैं. कुछ बंद पड़ी कंपनियों को खरीद लिया गया है और मुनाफे को दूसरी कंपनियों को डायवर्ट कर दिया गया है, हालांकि उनके जरिए कोई कारोबार नहीं किया गया है. इन सभी कंपनियों का दिल्ली आबकारी नीतियों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन फंड का डायवर्जन अवैध पाया गया है. ईडी अब इन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा.

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ऑडिटिंग फर्म में ईडी की तलाशीः जांच में यह पाया गया है कि संयोग से कुछ अन्य प्रमुख व्यक्तियों का कनेक्शन सामने आया है. ईडी के अधिकारियों ने पिछले सोमवार को डोमलागुडा में एक ऑडिटिंग फर्म गोरंटला एसोसिएट्स में भी तलाशी ली थी. ईडी को कुछ नेताओं से जुड़े वित्तीय लेनदेन का ब्योरा मिला है. उम्मीद है कि ये विवरण संबंधित नेताओं के वित्तीय स्रोतों को जानने के लिए उपयोगी होंगे, चाहे वे शराब घोटाले से संबंधित हों या नहीं. वेन्नामनेनी श्रीनिवास राव का मामला भी कुछ इस तरह सामने आया. ईडी की तलाशी पूरी होने के बाद संबंधित व्यक्तियों को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया जाएगा और ऐसा लगता है कि इस संबंध में कुछ अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किया जाएगा.

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