नई दिल्लीः दिल्ली शराब घोटाले में CBI ने पहली गिरफ्तारी कर ली है. मंगलवार देर शाम आरोपी विजय नायर को अरेस्ट किया है. वह एक एंटरटेनमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी के पूर्व CEO हैं. ED ने इनके ठिकाने पर भी छापेमारी की थी.
बता दें, 19 अगस्त की सुबह गोवा, दमन दीव, हरियाणा, दिल्ली और यूपी सहित 7 राज्यों के 20 अन्य जगहों पर कई ब्यूरोक्रेट व कारोबारियों के यहां भी सीबीआई के छापे पड़े थे. इसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) के घर पर भी सीबीआई की छापेमारी ( CBI raid on Manish Sisodia House) हुई थी. जो करीब 14 घंटे तक चली थी.
रेड पूरी होने के बाद सीबीआई ने सिसोदिया का निजी मोबाइल फोन और कंप्यूटर को सीज (Mobile Phone and Computer seized by CBI) कर लिया था. बता दें, 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की थी.
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इनको किया गया था नामजदः डिप्टी CM मनीष सिसोदिया, आबकारी आयुक्त अर्व गोपी कृष्ण, आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी, सहायक आयुक्त पंकज भटनागर, विजय नईर (पूर्व सीईओ, मेसर्स ओनली मच लाउडर), मनोज राय (पूर्व कर्मचारी), अमनदीप ढल (निदेशक, मैसर्स ब्रिंडको सेल्स प्रा. लिमिटेड), समीर महेंद्रू (प्रबंध निदेशक, इंडोस्पिरिट ग्रुप), अमित अरोड़ा (निदेशक, मैसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड), बुद्धि रिटेल प्रा. लि., दिनेश अरोड़ा, महादेव लिकर, सनी मारवाह, अरुण रामचंद्र पिल्लई और अर्जुन पांडेय को नामजद किया गया है.
AAP के गुजरात अभियान में बाधा डालने की यह कोशिश हैः AAP
आम आदमी पार्टी ने नायर की गिरफ्तारी पर लिखित स्टेटमेंट जारी कर बताया कि विजय नायर पार्टी में सूचना इंचार्ज हैं. वह पहले पंजाब और अब गुजरात में संचार रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने के लिए जिम्मेदार थे. आबकारी नीति से उनका कोई लेना-देना नहीं है. हैरानी की बात यह है कि उन्हें अभी-अभी आबकारी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है.
विजय नायर को पिछले कुछ दिनों से पूछताछ के लिए बुलाया गया था और उन पर मनीष सिसोदिया का नाम लेने का दबाव बनाया गया था. जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया तो जान से मारने की धमकी दी गई. पिछले एक महीने में उनके घर पर दो बार छापेमारी की गई, लेकिन कुछ नहीं मिला.
यह आम आदमी पार्टी को कुचलने और आप के गुजरात अभियान में बाधा डालने की भाजपा की कोशिशों का हिस्सा है. पूरा देश देख रहा है कि कैसे भाजपा पूरे भारत में आप की बढ़ती लोकप्रियता से पूरी तरह बौखला गई है. बीजेपी गुजरात में आप के तेजी से बढ़ते वोट शेयर को पचा नहीं पा रही है. हम भाजपा द्वारा अपनाए जा रहे इन असंवैधानिक और अवैध तरीकों की कड़ी निंदा करते हैं. विजय नायर और आप नेताओं के खिलाफ सभी आरोप झूठे और पूरी तरह से निराधार हैं.
नायर की गिरफ्तारी से खुलेंगे काले चिट्ठेः बीजेपी
नायर की गिरफ्तारी पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि बीजेपी शुरू से ही कह रही थी कि नई आबकारी नीति में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है. और उसके बहाने दिल्ली के राजस्व को लूटने का काम किया गया. अब इसमें पहली गिरफ्तारी के बाद धीरे-धीरे केजरीवाल के सभी काले चिट्ठे खुल रहे हैं.
गुप्ता ने कहा कि आबकारी नीति में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने शराब माफिया के साथ मिलकर करोड़ों का भ्रष्टाचार किया और इस पैसों को पंजाब और अन्य राज्यों में हुए चुनाव में पानी की तरह बहाया गया.
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जिन 15 लोगों की लिस्ट तैयार की थी उसमें सिसोदिया सहित अन्य शराब माफिया के नाम शामिल हैं. इसमें अब पहली गिरफ्तारी हुई है. इसके बाद केजरीवाल के चहेते सिसोदिया भी जेल के सलाखों के पीछे होंगे.
वहीं, दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि केजरीवाल सरकार का जैसे जैसे भ्रष्टाचार सबके सामने आ रहा है वैसे वैसे वह खुद को ईमानदार होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन भ्रष्टाचार की आगोश में समाई केजरीवाल सरकार का हर विभाग इस समय दिल्लीवालों के लिए नासूर बना हुआ है.
जानें क्या है पूरा मामला
दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी. निर्धारित रेट पर ही चुनिंदा जगहों पर खुली हुई दुकानों में ही शराब बेची जाती थी. यह वर्षों पुरानी बनाई गई नीति के तहत शराब की बिक्री होती थी. केजरीवाल सरकार ने गत वर्ष नवंबर में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया. इसके तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों और दुकानदारों को दे दिया गया.
सरकार का कहना था कि इससे कंपटीशन होगा और कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे. इसके अलावा दुकान पर देसी विदेशी सभी ब्रांडों की शराब एक जगह मिलेगी. लेकिन नई आबकारी नीति के तहत नवंबर से दिल्ली में बिक रही शराब की दुकानों को अचानक बंद करने का सरकार ने फैसला लिया. जिससे शराब की बिक्री को लेकर अफरा-तफरी मच गई.
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-2022 के तहत पूरी दिल्ली को 32 लिकर जोन में बांटा गया. 9 जोन ने पहले ही लाइसेंस सरेंडर कर दिया है. इसके तहत 849 दुकानें खुलीं. 31 जोन में 27 दुकानें मिली. एयरपोर्ट जोन को 10 दुकानें मिलीं. 639 दुकानें 9 मई को और 464 दुकानें 2 जून को खोली गईं.
जबकि इस 17 नवंबर 2021 को लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थी. 475 दुकानें सरकार चला रही थी, जबकि 389 दुकानें प्राइवेट थीं. दिल्ली में नई आबकारी नीति को लागू करने के पीछे दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा तर्क शराब माफिया को खत्म करने और शराब के समान वितरण का था. साथ ही शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई. इसके साथ ही ड्राइ डे भी घट गए.
इस नीति के लागू होने से दिल्ली पहली सरकार बनी जिसने शराब व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया. पब्लिक प्लेस में स्टोर के आगे कोई शराब पीता है तो पुलिस नहीं बल्कि स्टोर वाला जिम्मेदार होगा. लोगों को स्टैंडर्ड लेवल की शराब पीने को मिलेगी.
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में टकराव
दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी जारी है. आबकारी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि चुनिंदा दुकानदारों को फायदा पहुंचाने के इरादे से तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नीति लागू होने से ठीक पहले नीति में बदलाव किया इससे सरकार को रेवेन्यू का तगड़ा नुकसान हुआ. इसीलिए इस मामले की जांच सीबीआई करें. वहीं अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस पॉलिसी को लागू करने में हुई चूक और कथित अनियमितताओं के मामले में अब कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समेत 11 लोगों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दिए.
नई एक्साइज पॉलिसी बनाने में बरती गई अनियमितता को लेकर इसी महीने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा आबकारी विभाग के पूर्व कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समिति ने 11 अधिकारियों को सस्पेंड किया था. यह कार्रवाई दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल को सौंपी गई 37 पेज की रिपोर्ट के बाद की गई है.
रिपोर्ट में सतर्कता विभाग की जांच को आधार बनाया गया है. विजिलेंस विभाग द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में कई तरह की कथित गड़बड़ियों को बताया गया है. इसमें एयरपोर्ट पर शराब की दुकान खोलने के लिए जरूरी एयरपोर्ट ऑपरेटर से एनओसी लाने में कामयाब ना होने वाले कंपनी को 30 करोड़ रुपये वापस किए जाना बताया गया है. इसे नियमों के खिलाफ बताया गया है.
इसी तरह कोरोना काल में लाइसेंस धारकों को 144 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देना, मैन्युफैक्चरर्स और ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को रिटेल में शराब बेचने का टेंडर मिलने, शराब कारोबारियों के एक साथ बिजनेस करने को आधार बनाया गया है.
रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर ए गोपीकृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी को सस्पेंड करने संबंधी फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई है जबकि 3 असिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर, नरेंद्र सिंह, नीरज गुप्ता सेक्शन ऑफिसर कुलदीप सिंह, सुभाष रंजन, सुमन डीलिंग हैंड सत्यव्रत भटनागर, सचिन सोलंकी और गौरव मान को निलंबित कर दिया गया है. इनमें से पूर्व कमिश्नर की जगह अब कृष्ण मोहन आ गए हैं.