नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को संसद में वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट (Union Budget 2022) पेश करेंगी. इस बार का बजट अपने आप में इसलिए भी खास है. क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) के कारण देश में हर वर्ग आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. हर वर्ग के लोगों को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें हैं. इसको लेकर मशहूर अर्थशास्त्री आकाश जिंदल (economist akash jindal) ने कहा कि इस बार का बजट अपने आप में कई गुना महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस बार बजट विपरीत परिस्थितियों में वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) पेश करेंगे. कोरोना के चलते देश के आम आदमी, जो मिडिल क्लास और लोअर क्लास से आते हैं उनकी आर्थिक स्थिति (economic condition) काफी खराब हो चुकी है. साथ ही परेशानियां भी बढ़ गई है. इस बार के बजट में उन्हीं लोगों को सरकार की तरफ से सबसे ज्यादा राहत दी जा सकती है.
आकाश जिंदल ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री इस बार इनकम टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी करके लोगों को थोड़ी राहत दे सकते हैं. अनुमान के मुताबिक पांच लाख की सीमा को बढ़ाकर छह से 6.5लाख तक किया जा सकता है. कोरोना की वजह से पैदा हुए विपरीत हालातों के चलते पूरे देश में बड़े स्तर पर बेरोजगारी बढ़ी है, जो आम आदमी के लिए परेशानी का बड़ा सबब है. अर्थशास्त्री आकाश जिंदल के अनुसार, इस बार केंद्र सरकार की तरफ से बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र पर अधिक इन्वेस्ट किया जा सकता है. क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें इन्वेस्ट करने पर बड़े स्तर पर न सिर्फ रोजगार उत्पन्न होगा, बल्कि लगातार बढ़ रही बेरोजगारी की दर पर भी लगाम लगाई जा सकती है. चुनावों में भी बेरोजगारी को एक बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है. इसलिए इस बार रोजगार के ऊपर ध्यान दिया जाएगा.
आकाश जिंदल ने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस का क्षेत्र में कई घोषणाएं की जा सकती है. कोरोना की वजह से लोगों ने हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में बड़े स्तर पर अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस करवाई है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में भी कई घोषणाएं कर राहत दी जा सकती है. हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों की जागरूकता बढ़ी है और लोग बड़े कवरेज पॉलिसीज करवा रहे हैं. इसमें सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर एक्ज़ेमशन बढ़ाई जा सकती है.
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इस बार के बजट में किसानों के लिए राहत भरी बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं. किसान भाइयों को प्रधानमंत्री की तरफ से दी जाने वाली किसान सम्मान निधि में वृद्धि करने की जा सकती है. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि किसान आज खुश नहीं है. एक साल से ज्यादा समय तक किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन भी किया था. ऐसे में किसानों की जरूरत को देखते हुए किसान सम्मान निधि की राशि को बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि इसके लिए सरकार के पास राजस्व कहां से आएगा. राजस्व की सबसे बड़ी प्राप्ति का क्षेत्र इस बार सुपर रिच टैक्स बन सकता है. वर्तमान समय में देश के अंदर अमीर और अमीर और गरीब और गरीब हो गया है. अमीरों का पैसा स्टॉक मार्केट और प्रॉपर्टी में था, जिसमें 2020 के बाद वृद्धि हुई है. इसके बाद अमीरों का पैसा बढ़ता गया. ऐसे में सरकार के लिए राजस्व प्राप्त करने के जो संसाधन हैं उसमें एक सुपर रिच टैक्स है. वहीं दूसरा डिसइनवेस्टमेंट है. इससे सरकार को वित्तीय राजस्व की प्राप्ति हो सकती है. जबकि सरकार शराब के ऊपर विशेष सेस को लगाकर राजस्व बढ़ाने को लेकर निर्णय ले सकती है.
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आकाश जिंदल के अनुसार, महंगाई पर लगाम लगाने के लिए बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जिससे महंगाई को कम किया जा सकता है. पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर महंगाई पर लगाम लगाने के मद्देनजर कदम उठाया जा सकता है. जो संभावनाएं हैं उसके अनुसार सरकार की तरफ से सात से आठ रुपये तक पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की जा सकती है. एक्साइज ड्यूटी में कमी करना पूरी तरह से केंद्र सरकार के हाथ में है. ऐसे में अगर एक्साइज ड्यूटी को घटाया जाता है तो तुरंत प्रभाव से बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में कुछ हद तक सफलता मिल सकती है. साथ ही जो खाने के तेल है उनकी कीमतों को कम करने के मद्देनजर भी सरकार की तरफ से बजट में कदम उठाया जा सकता है.
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रेलवे के बजट (Railway Budget 2022) को लेकर बात की जाए तो इस बार के रेलवे बजट में ऐसी आशंकाएं जताई जा रही है कि सरकार की तरफ से किसी भी तरह से यात्री किराए में फिलहाल बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. बड़े स्तर पर नई ट्रेनों को शुरू किया जाएगा. साथ ही रेलवे अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी बड़े स्तर पर इन्वेस्ट कर सकती है, जिससे रोजगार भी बढ़ेगा. जबकि बुलेट ट्रेन के ऊपर भी कई महत्वपूर्ण घोषणा इस बार के बजट में की जा सकती हैं.
वर्तमान समय में लोगों की कमाई कोरोना के चलते कम हुई है जबकि खर्चे बढ़ गए हैं. इसके चलते आम आदमी परेशान है. खास तौर पर लोअर मिडल क्लास और गरीब परिवार के लोग. ऐसे में केंद्र सरकार सॉफ्ट बजट पेश कर लोगों को खुश करने की कोशिश करेंगे. क्योंकि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है और एक बड़ा तबका केंद्र सरकार से नाखुश है. ऐसे में सरकार लोकलुभावन वाला बजट पेश कर सकते हैं.