नई दिल्ली: राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. इसके तहत सरकार ने चरणबद्ध तरीके से इस पर काम किया है. पहले चरण में प्रतिबंध के दायरे में 19 वस्तुओं को शामिल किया गया है. इन वस्तुओं का न तो उत्पादन हो सकेगा, न ही बिक्री और आपूर्ति नियमों के उल्लंघन पर एक लाख रुपये तक के जुर्माने और सात साल तक की सजा का प्रविधान किया गया है.
हालांकि, इसको लेकर अलग-अलग लोगों की अलग अलग राय सामने आ रही है. इस मुद्दे पर मार्केट के दुकानदारों ने बताया कि सरकार ने पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा कदम उठाया है, लेकिन व्यापारियों के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर कोई बेहतर विकल्प नहीं दिया है जिससे उनको काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ेगा, क्योंकि आज आमतौर पर हर समान सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़ा हुआ है. ऐसे में उनके रोजगार पर भी काफी असर पड़ेगा. लिहाजा सरकार को इसके साथ ही इसके विकल्प पर भी विचार करना चाहिए.
सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिसका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल करते हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें न तो डी-कंपोज होती हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है ओर इसका असर हवा पर पड़ता है. इसी को देखते हुए सरकार ने इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है ओर बैन किए गए प्रोडक्ट को बनाने या बेचने पर पर्यावरण एक्ट धारा के तहत सात साल की जेल और 1 लाख तक का जुर्माने का भी प्रावधान रखा है. ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार का ये कदम कितना कारगर साबित होता है.
नियम के पालन के लिए जुटा नगर निगम
दिल्ली नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन के मद्देनजर अपने अधिकार क्षेत्र में आज 689.01 किलो प्लास्टिक की वस्तुओं को जब्त किया और 368 चालान किए.
निगम अधिकारियों ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक बैन वस्तुओं में प्लास्टिक की छड़ें, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पॉलीस्टायरीन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे की चम्मच, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, रैपिंग या मिठाई के बक्सों पर पैकेजिंग फिल्म, निमंत्रण कार्डों, सिगरेट के पैकेटों, 100 माइक्रोन से कम प्लास्टिक या पीवीसी बैनरों और स्टिरर शामिल है.
प्रतिबंधित वस्तुओं के भंडारण, बिक्री और उपयोग को समाप्त करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर कुल 125 प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं. अशिकारियों ने बताया कि दिल्ली नगर निगम प्रतिबंध को लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है. क्षेत्रीय स्तर पर टीमें जनता/सड़क विक्रेताओं/दुकानदारों/बाजार संघों आदि को सब्जी/फल मंडियों में सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर जूट या कपड़े के थैले के उपयोग के संबंध में जागरूकता फैला रहे हैं.
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