नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के साथ साथ डेंगू की वजह से लाेगाें की परेशानी बढ़ गयी है. इस साल 29 जनवरी तक डेगू के कुल 23 नए मामले सामने आये हैं. पिछले छह साल में ऐसा कभी भी नहीं हुआ जब दिल्ली में इतनी बड़ी संख्या में डेंगू के नए मामले जनवरी के कड़कड़ाती ठंड में सामने आए हो. जनवरी में बड़ी संख्या में डेंगू के नए मामले सामने आने कि एक बड़ी वजह बिन मौसम बरसात को भी माना जा रहा है. वहीं डेंगू के नये मामले सामने आने पर दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच राजनीति शुरू हाे गयी है.
डेंगू के नए मामलों पर लगाम लगाने के लिए निगम फागिंग के साथ-साथ डेंगू के मच्छर को पनपने से रोकने के लिए दवा का छिड़काव भी करवा रहा है. निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 29 जनवरी तक दिल्ली के 15 हजार दाे साै आठ घरों में दवा का छिड़काव किया गया है. जबकि 11 लाख 83 हजार 488 संपत्तियों का औचक निरीक्षण किया है. औचक निरीक्षण के दौरान 316 घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया. जिसके बाद निगम के द्वारा कार्रवाई की गई है. जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.
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दिल्ली में डेंगू के मामले बढ़ने पर राजनीति भी शुरू हाे गयी है. निगम में शासित बीजेपी की सरकार ने दिल्ली सरकार को डेंगू को लेकर जिम्मेदार ठहराया और आराेप लगाय कि दिल्ली सरकार के द्वारा निगम काे बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि दिल्ली में डेंगू के मामले बढ़े हैं. दिल्ली सरकार के संबंधित विभागों ने राजधानी दिल्ली में अपने किसी भी जिम्मेदारी को भलीभांति तरीके से नहीं निभाया.
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वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में डेंगू के मामलों को लेकर भाजपा शासित निगम को जिम्मेदार ठहराया है. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि एमसीडी ने अपने क्षेत्र में आने वाली छोटी नालियों की ना तो सफाई करवाई और ना ही क्षेत्र में जल निकासी की समस्या का समाधान किया, जिस वजह से डेंगू के मामले बढ़े हैं.