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दिल्ली दंगे की दूसरी बरसी: 'दंगे की आग ताे ठंडी हो गई लेकिन जिसे खाेया वाे ताे नहीं लाैटेगा'

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Published : Feb 24, 2022, 10:00 PM IST

Updated : Feb 24, 2022, 10:56 PM IST

दिल्ली दंगा की दूसरी बरसी
दिल्ली दंगा की दूसरी बरसी

दिल्ली दंगे में लगी आग ठंडी तो हो गई लेकिन उन परिवारों का जख्म आज भी ताजा है, जिन्होंने दंगे में अपनों को खोया है. दाे साल बाद भी पीड़ित परिवार इंसाफ की इंतजार में है.

नई दिल्लीः दिल्ली दंगे में लगी आग ठंडी तो हो गई लेकिन उन परिवारों का जख्म आज भी ताजा है, जिन्होंने दंगे में अपनों को खोया है. दंगे में अपने 27 साल के इंजीनियर बेटे को खोने वाले शिव विहार निवासी हरि सिंह सोलंकी ने बताया कि 24 फरवरी की शाम उनका बेटा घर के पास दूध लेने गया था. जहां दंगाइयों की भीड़ ने उसे घेर लिया और उसके सिर पर गोली मार दी.


हरि सिंह सोलंकी ने कहा कि इस हत्याकांड को एक दर्जन से ज्यादा दंगाइयों ने अंजाम दिया था, लेकिन कुछ लोगों को ही पुलिस गिरफ्तार कर पाई. सोलंकी ने दिल्ली पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया. उन्हाेंने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस समय पर एक्शन लेती तो आज उसका बेटा जिंदा होता. हरि सिंह सोलंकी की पत्नी ने कहा कि वह उन दंगाइयों के लिए मौत की सजा तो नहीं चाहती, लेकिन उसे कड़ी सजा मिले ताकि ताकि उसके बेटे काे इंसाफ मिल सके.

दिल्ली दंगा की दूसरी बरसी:परिवारों का जख्म आज भी ताजा है

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पूरे परिवार ने मुआवजे पर भी सवाल उठाया. उनका कहना था कि इस पूरी घटना से उनका परिवार पूरी तरह से बिखर गया है. पीड़ित परिवार के एक शख्स को सरकारी नौकरी मिले ताकि पीड़ित परिवार को राहत मिल सके.

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Last Updated :Feb 24, 2022, 10:56 PM IST
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