नई दिल्ली: जेएनयू कैंपस में 2019 नवंबर में फीस बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन (JNUSU President IC Ghosh) हुआ था. काफी दिनों तक कैंपस में हो हंगामा हाेता रहा. छात्रों और प्रशासन के बीच यह विवाद कई दिनों तक चलता रहा.इसी बीच 18 नवंबर को जेएनयूएसयू के आह्वान पर हजारों की संख्या में छात्र जेएनयू कैंपस से मार्च निकालकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय जा रहे थे.दिल्ली पुलिस के मना करने के बाद भी हजारों की संख्या में छात्र आगे बढ़ा रहे थे.
इस पूरे घटना में दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में भयंकर जाम की स्थिति बनी रही. घंटों तक दिल्ली पुलिस एवं सुरक्षा बल इन्हें रोकने की लाख कोशिश करते रहे,बावजूद इसके जेएनयूएसयू द्वारा आयोजित किया गया यह मार्च आगे बढ़ता जा रहा था. आखिर में लोधी रोड के पास दिल्ली पुलिस ने इन छात्रों को रोकने में सफल हुई. समझाने के बाद भी छात्र वापस जाने को तैयार नहीं थे. आखिर में रात को पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई उसके बाद सभी छात्र वापस गए. इस पूरे घटना को लेकर दिल्ली पुलिस ने जेएनयूएसयू की प्रेसिडेंट आईसी घोष (FIR on IC Ghosh) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने जेएनयूएसयू की प्रेसिडेंट आईसी घोष को 41A का नोटिस (Delhi Police notice to JNUSU President IC Ghosh) भेजा है. इस नोटिस का मतलब है किसी भी दर्ज प्राथमिकी के मद्देनजर पूछताछ करना. किसी भी एफआईआर पर कार्रवाई करने के लिए यह प्रक्रिया का हिस्सा है. जेएनयूएसयू की प्रेसिडेंट दिल्ली पुलिस द्वारा दिए गए नोटिस को सोशल मीडिया पर डाला है.
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पूरे मामले में जेएनयूएसयू की प्रेसिडेंट से बात करने की कोशिश की गयी,लेकिन उन्हाेंने बात नहीं की और ना ही किसी तरह के मैसेज का जवाब दिया. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि ये किसी भी FIR में जांच की प्रक्रिया है. आरोपी से पुलिस जांच में सहयोग करने के लिए नाेटिस भेजा जाता है.
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