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Bulli Bai App Case : आरोपी विशाल झा की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

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Published : Jan 22, 2022, 12:05 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 12:36 PM IST

बुली बाई एप मामले के आरोपी विशाल झा की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. आज शाम फैसला सुनाने का आदेश एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने दिया है.

आरोपी विशाल झा की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
आरोपी विशाल झा की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बुली बाई एप (Accused of bulli bai app case) मामले के एक आरोपी विशाल झा की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने शनिवार शाम को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील नीतेश राणे ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने अपना जवाब दाखिल कर दिया है, जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि आज शाम आदेश पारित कर दिया जाएगा. 21 जनवरी को कोर्ट ने विशाल झा की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दिया था. कोर्ट ने ने दिल्ली पुलिस से पूछा ये बताएं कि एक ही तथ्य के आधार पर दो स्थानों पर FIR कैसे दर्ज की जा सकती है.

विशाल का पूरा नाम विशाल सुधीर कुमार झा है. सुनवाई के दौरान विशाल की ओर से वकील शिवम देशमुख ने कहा था कि आरोपी बिहार का रहने वाला है और वो कर्नाटक में एक हॉस्टल में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता है. इस मामले में एक महिला पत्रकार ने 1 जनवरी को शिकायत दर्ज की थी कि उसकी फोटो से छेड़छाड़ कर बुली बाई एप पर अपलोड किया गया, ताकि उसे बदनाम किया जा सके. देशमुख ने कहा था कि आरोपी को झूठे तरीके से फंसाया गया है और एप को विकसित करने में उसकी कोई भूमिका नहीं थी.


देशमुख ने कहा था कि विशाल झा ने चार जनवरी को खुद ही मुंबई के साइबर क्राइम के दफ्तर में जाकर सरेंडर कर दिया था. 10 जनवरी को उसे कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई, जिसके बाद से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उसके सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप और दो सिम कार्ड जांच एजेंसी के कब्जे में है. उन्होंने कहा था कि विशाल झा को ऐसी आशंका है कि उसे दिल्ली में दर्ज एफआईआर में भी गिरफ्तार किया जा सकता है.

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील इरफान अहमद ने कहा था कि इस मामले के एक आरोपी नीरज बिश्नोई और दूसरे आरोपी एक ग्रुप के साथ जुड़े हुए थे. उसी ग्रुप में चर्चा के बाद गिटहब पर एक एप को विकसित किया गया. उन्होंने कहा था कि आरोपी विशाल झा ने ट्विटर पर अपना फर्जी अकाउंट बनाया था और उसके जरिये बातचीत में हिस्सा लेता था. उन्होंने कहा था कि मुंबई पुलिस ने विशाल झा को दूसरे सह-आरोपियों मयंक रावत और श्वेता सिंह के साथ गिरफ्तार किया है. मुंबई पुलिस से इस केस से संबंधित दस्तावेजों और साक्ष्यों की मांग की है.


कोर्ट ने पाया कि जांच अधिकारी के जवाब से साफ है कि समान तथ्यों के आधार पर मुंबई में केस दर्ज किया गया है. केवल शिकायतकर्ता अलग-अलग हैं. कोर्ट ने कहा कि अर्णब गोस्वामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला साफ कहता है कि एक ही तथ्य के आधार पर दो FIR दर्ज नहीं की जा सकती है. ऐसे में कोर्ट को ये फैसला करना है कि मुंबई में दर्ज FIR या दिल्ली में दर्ज FIR में से किस पर कानून के मुताबिक जांच होनी चाहिए.

पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 जनवरी को इस मामले के आरोपी नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में असम से नीरज विश्नोई को गिरफ्तार किया है. बुली बाई एप के जरिए मुस्लिम पत्रकारों, वकीलों और समाज में अच्छी पहचान रखने वाली महिलाओं की फर्जी तस्वीरें शेयर कर इंटरनेट पर उनकी नीलामी की जा रही थी.

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Last Updated :Jan 22, 2022, 12:36 PM IST
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