नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में डेंगू पर रोक लगाने में नाकाम रहने पर नगर निगमों और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि नीतियां लोकलुभावन बनाई जा रही हैं और सरकार डर रही है कि उसके वोट खिसक जाएंगे.
कोर्ट ने कहा कि अगर चुनाव असली मुद्दों पर होते तो हमारा शहर कुछ और होता. आज तक इस पर चुनाव हो रहा है कि मुफ्त क्या है. कोर्ट ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकतर नाले खुले हुए हैं और उनसे बदबू आती है. देश की राजधानी दिल्ली के लिए ये दुखद स्थिति है.
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23 नवंबर को कोर्ट ने डेंगू की रोकथाम करने में नाकाम रहने पर नगर निगमों को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि उसके पहले के आदेश को अनसुना कर दिया गया. कोर्ट ने कहा था कि हर साल डेंगू बढ़ कैसे रहा है. क्या यह नगर निगम का काम नहीं है. यह रॉकेट साइंस की तरह है कि मानसून के बाद मच्छर आएंगे.
पिछले 15-20 सालों से यही हो रहा है. न तो कोई इस पर सोचता है और न ही कोई योजना बनाई जाती है. कोर्ट ने कहा था कि मच्छरों की चेकिंग करने वाले स्टाफ और छिड़काव करने वाले कर्मचारी कुछ नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने सभी नगर निगमों को निर्देश दिया था कि वे सभी निगमों के चेयरमैन इसे लेकर हर हफ्ते बैठक करें.