नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट आज मुस्लिम पुरुषों में बहुविवाह (Polygamy Among Muslims Men) को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करेगी. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी. इससे पहले 23 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई होनी थी लेकिन उसे 30 अगस्त के लिए टाल दी गई थी. 2 मई को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका 28 वर्षीय एक मुस्लिम महिला रेशमा ने दायर किया है. याचिका में मांग की गई है कि मुस्लिम पुरुषों को अपनी पत्नी की सहमति के बिना दूसरी शादी करने को गैरकानूनी घोषित किया जाए.
याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पुरुषों में बहुविवाह की प्रथा (Polygamy Among Muslims Men) एक क्रूर परंपरा है और ये महिलाओं का अपमान करनेवाला है. इसमें यह भी कहा गया है कि शरीयत में बहुविवाह की अनुमति असाधारण परिस्थितियों में दी गई है. ये असाधारण परिस्थितियां पहली पत्नी की बीमारी या बांझपन हो सकती हैं. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान बेंच को रेफर किया है.
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याचिकाकर्ता ने जनवरी 2019 में मोहम्मद शोएब खान से दिल्ली में मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत शादी की थी. उसे 11 महीने का एक बच्चा है. उसके पति ने उसे वादा किया कि वो जीवन भर किसी दूसरे से शादी नहीं करेगा. अब उसका पति उसे तलाक देकर दूसरी शादी करना चाहता है.
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