नई दिल्ली : दिल्ली सरकार मार्च में अपना 2022-2023 का बजट पेश करेगी. इस बजट को लेकर दिल्ली की जनता को सरकार से खासा उम्मीदें हैं. सरकार ने 2021-2022 में 69,000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था. इसमें पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू की गई थी. 1300 ई-बसें चलाने का लक्ष्य रखा था, जो शुरुआती दौर में दिल्ली में चलने लगी है. एक साल के दौरान 500 ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा था. कई जगहों पर यह स्टेशन खुल भी गए हैं. इसमें दिल्ली की जनता से जुड़े छोटे-छोटे मुद्दों का ध्यान रखा गया था, लेकिन इस साल भी सरकार के पास चुनौतियां कम नहीं हैं. पर्यावरण संरक्षण से लेकर ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की भी चुनौती है.
बीते मंगलवार को केंद्र सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय के बजट में पिछले वित्त वर्ष की अपेक्षा 5.6 प्रतिशत की वृद्धि की, लेकिन प्रदूषण को नियंत्रित करने के बजट में 10 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है. इसके साथ ही सरकार ने इस वर्ष राष्ट्रीय हरित भारत मिशन के बजट को पिछले वित्त वर्ष के 290 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 361.69 करोड़ रुपए कर दिया है. राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के लिए ही 300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल 235 करोड़ रुपए था.
दिल्ली का पहला ऐसा बजट जो जनता की राय लेकर बनाया जाएगा
दिल्ली सरकार साल 2022-23 का बजट जनता के सुझावों के हिसाब से तैयार करने की कोशिश कर रही है. इसके लिए सरकार ने एक वेबसाइट का लिंक जारी किया था और ई-मेल के ज़रिए भी लोगों से लगातार सुझाव मांगे जा रहे हैं. 15 फरवरी तक सुझाव दिए जा सकते हैं. जिसके बाद बजट तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले कहा था कि अगले साल जनता के टैक्स के पैसों से सरकार कौन-सी नई योजनाएं लेकर आए, पुरानी योजनाओं में क्या सुधार करे, इसके लिए हम जनता से सुझाव चाहते हैं.
दिल्ली की जनता से बजट पर रायशुमारी
1- दिल्ली के व्यापारियों का बिजनेस कैसे आगे बढ़े, इसके लिए कैसी योजना चाहिए.
2-अंतरराष्ट्रीय खरीददारों को कैसे दिल्ली के बाज़ारों से जोड़ा जाए.
3- आमदनी बढ़ाने के लिए बजट में क्या नए प्रावधान किए जा सकते हैं.
4- नई नौकरियां बढ़ाने के लिए बजट में क्या करें.
5- प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए बजट.
6- दिल्ली की ख़ूबसूरती बढ़ाने के लिए बजट.
7- महिला सुरक्षा को लेकर क्या करना है.
8- शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं.
दिल्ली को प्रदूषण मुक्त और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक बड़ी पहल की है. राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अपने वाहनों के नए बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्टिक वाहनों (ईवी) को शामिल करना होगा. केजरीवाल सरकार ईवी को अनिवार्य करने के लिए एग्रीगेटर पालिसी का ड्राफ्ट तैयार करने वाली भारत की पहली सरकार बन गई है. पालिसी के ड्राफ्ट पर जनता को अपनी राय देने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है. इस अवधि में ड्राफ्ट पालिसी पर आम जनता अपने सुझाव और आपत्तियां देगी. जिसके बाद इसे अधिसूचित किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें : विधानसभा में वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया आज पेश करेंगे बजट
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह पालिसी एग्रीगेटर उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी. एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अगले तीन माह में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 और सभी नए चार पहिया वाहनों में से पांच प्रतिशत ई-वाहनों को शामिल करना होगा. दिल्ली सरकार मार्च 2022 में पहली पर्यावरण स्थिति रिपोर्ट प्रकाशित कर सकती है. रिपोर्ट में सीवेज, जल गुणवत्ता, कूड़ा एकत्र करने और इसे अलग-अलग करने संबंधी अहम विषयों से जुड़े आंकड़े शामिल होंगे. हालांकि दिल्ली सरकार ने पिछले पांच साल में वायु प्रदूषण में आई 25 फीसदी की कमी को अगले पांच साल में 66 फीसद तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 2020-21 के बजट में कुल 50 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया था. वही हर साल 40 लाख पौधे लगाने का भी लक्ष्य दिल्ली सरकार ने रखा है.