नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के बाहर चंदगीराम का अखाड़ा सड़क पर दिल्ली देहात से आने वाले किसानों ने जमकर प्रदर्शन (protest at kejriwal house in delhi) किया. किसानों ने न केवल नारेबाजी की, बल्कि वहां लगी केजरीवाल की फोटो पर कालिख पोत दी.
किसान अपनी कई मांगों के लिए सड़क पर उतरे हैं और केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि फसलें खराब होने पर अभी तक दिल्ली सरकार ने मुआवजे की रकम (compensation for crop) जारी नहीं की है. जिसे जल्द जारी किया जाए, ट्यूबवेल की बढ़ाई गई सिक्योरिटी फीस, बिजली के बिल वापस लेने के साथ किसानों को जमीनों का मालिकाना हक मिले. किसानों का कहना है कि केजरीवाल ने जमीन के मालिकाना हक का वादा भी किया था. विरोध-प्रदर्शन के दौरान किसानों ने मेटकॉफ हाउस बस स्टैंड पर लगे दिल्ली सरकार के पोस्टर में मुख्यमंत्री की फोटो पर स्याही पोत दी.
दिल्ली सरकार की नीतियों के विरोध में रविवार को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के बाहर (protest at kejriwal house in delhi) चंदगीराम अखाड़ा रोड पर दिल्ली देहात के किसानों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर न सिर्फ विरोध-प्रदर्शन किया, बल्कि दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी (slogans against delhi government) भी की. विरोध-प्रदर्शन के दौरान किसानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली देहात में रहने वाले किसानों के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है.
किसानों का कहना है कि न तो किसानों के बिजली बिल माफ किए गए और न ही दिल्ली सरकार ने किसानों की फसलें खरीदी और न ही किसी प्रकार की कोई सुविधा मुहैया कराई. आज दिल्ली का किसान परेशान है. दिल्ली सरकार किसानों की कोई सहायता नहीं कर रही है. केंद्र सरकार की किसानों के हित में शुरू की गई एक भी योजना (delhi farmers not benefitted by central schemes) का फायदा दिल्ली के किसानों को नहीं मिल रहा है. 2015 में चुनाव के समय जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वोट मांगने आए थे, तब उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली के बेटे जैसे हैं. और लोगों की सभी समस्याओं का समाधान करेंगे, लेकिन आज तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली देहात के लोगों की समस्या जानने तक नहीं आए.
ये भी पढ़ें- Delhi Courts Weekly Round-Up: पिछले सप्ताह के कुछ खास ऑर्डर-जजमेंट पर एक नजर
मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन (protest at kejriwal house in delhi) के माध्यम से किसानों ने अपनी कुछ मांगें स्पष्ट रूप से रखी हैं. जिसमें पहली मांग दलित और भूमिहीन किसानों को 74/4 के तहत दी गई जमीनों का मालिकाना हक की है. इसको लेकर बकायदा विधानसभा से प्रस्ताव भी पारित हो गया, लेकिन उसके बावजूद सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. दूसरी मांग दिल्ली के किसानों को धारा 33 और धारा 81 से राहत देने की है.