नई दिल्ली: आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे बदमाशों एवं उनके परिवार के सदस्यों को अब दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की तरफ से किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं दी जाएगी. दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Police Commissioner Rakesh Asthana) की तरफ से इसे लेकर सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को किसी प्रकार की सुरक्षा देना पुलिस की ड्यूटी नहीं है. उन्होंने पूर्व में दी गई इस तरह की सुरक्षा को लेकर हैरानी जताई है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना लगातार सिक्योरिटी यूनिट को लेकर ऑडिट करवा रहे हैं. यह यूनिट न केवल वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा करती है बल्कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भी तैनात रहती है. ऐसे में उन्होंने पाया कि सिक्योरिटी यूनिट में पुलिसकर्मियों की संख्या लगभग 20 फीसदी तक कम है. इसके अलावा जो पुलिसकर्मी सिक्योरिटी यूनिट में तैनात है, बड़ी संख्या में उनका दुरुपयोग किया जा रहा है. कई सेवानिवृत्त अधिकारी एवं जज के साथ ही कई अपराधियों और उनके परिवार को भी पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जा रही है. उन्होंने इस तरह की सुरक्षा को हटाने का निर्णय लिया है.
हाल ही में हुई एक पुलिस बैठक में कमिश्नर राकेश अस्थाना ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी अपराधी को दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी. इतना ही नहीं कई बार अपराधियों के परिवार को जान का खतरा होने के चलते पुलिस की तरफ से सुरक्षा दी जाती है जो पूरी तरीके से गलत है. उन्होंने साफ कर दिया है कि इस तरह की सुरक्षा न तो अपराधी को मिलेगी और न ही उसके परिवार को मिलेगी. पुलिस का काम आम लोगों की सुरक्षा करना है अपराधियों की नहीं. इसलिए उन्होंने ऐसे लोगों की सुरक्षा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं.
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सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा ऐसे जजों को सुरक्षा देने की तैयारी है जिनके पास बड़े गैंगस्टर के केस चल रहे हैं. इस वजह से ही उन्होंने सुरक्षा का ऑडिट करवाया था. लेकिन सुरक्षाकर्मियों की तैनाती को लेकर जब उन्हें जानकारी मिली तो वह हैरान रह गए. यही वजह है कि सिक्योरिटी यूनिट को लेकर वह बेहद सख्त निर्णय ले रहे हैं. सूत्रों का कहना है पुलिस कमिश्नर केवल उन्हीं लोगों को सुरक्षा देना चाहते हैं जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है. इससे पहले पूर्व कमिश्नर और वरिष्ठ अधिकारियों की सुरक्षा मैं तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या को भी वह कम और खत्म कर चुके हैं.
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