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बच्चों के आने के बाद स्कूलों में लौटने लगी रौनक, कोविड-19 के नियमों का हो रहा पालन

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Published : Aug 17, 2021, 2:31 PM IST

दिल्ली के स्कूलों में फिर से कक्षाएं शुरू हो गई हैं. क्लास में छात्र और छात्राओं को चॉक और डस्टर से टीचर पढ़ा रहे हैं. बच्चों के आने के बाद स्कूलों में रौनक लौटने लगी है. ग्रुप और लैब में बिठाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

classes in Delhi schools started again with chalk and duster students were very excited
स्कूलों में कक्षाएं शुरू

नई दिल्ली: दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. वहीं दिल्ली सरकार ने आंशिक रूप से स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी है. सरकार की अनुमति के बाद स्कूलों में बच्चे आने लगे हैं जिसके बाद स्कूलों की रौनक लौटने लगी है.

क्लास रूम में चौक और डस्टर से पढ़ाई फिर से होने लगी है. लेकिन इस दौरान चुनौती है कि किस तरह से बच्चों के साथ कोविड-19 के नियमों का पालन किया जाएगा क्योंकि कई स्कूलों में अभी वैक्सीनेशन ड्राइव भी चल रही है. वहीं कई माह बाद स्कूल आये छात्रों से ईटीवी भारत ने बात की. छात्र स्कूल आने को लेकर काफी उत्साहित नजर आए. साथ ही कहा कि स्कूल बेशक खुल गए हैं लेकिन कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा.

दिल्ली के स्कूलों में फिर से कक्षाएं शुरू हो गई
ईटीवी भारत ने जंगपुरा में स्थित सर्वोदय को-एड स्कूल के छात्रों से बात की. जहां पर छात्रा अंजली भट्ट ने कहा कि वह स्कूल खुलने का लंबे अरसे से इंतजार कर रही थी. उन्होंने कहा कि जब यह पता चला कि आज स्कूल जाना है तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि पढ़ाई ऑनलाइन तो हो रही थी, पर जो पढ़ाई ऑफलाइन बेहतर होती है वह ऑनलाइन में मुमकिन नहीं थी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में काफी चुनौतियां हैं.

संसाधन उचित नहीं होने की वजह से कई बार पढ़ाई बाधित होती है लेकिन जब अब धीरे-धीरे स्कूल खुल रहे हैं तो यह हम सभी के लिए बहुत राहत की खबर है. उन्होंने कहा कि इतने दिनों से घर में बैठे-बैठे बोर हो गए थे और जब अब स्कूल आने का सिलसिला शुरू हो गया है तो मानो खुशी का ठिकाना नहीं रहा है.

वहीं छात्र शमीम ने कहा कि इतने दिन बाद स्कूल आने की काफी खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि स्कूल आने को लेकर रात से ही तैयारी शुरू कर दी थी पर स्कूल यूनिफॉर्म नहीं मिलने की वजह से आज घर के कपड़े में ही स्कूल आ गया. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लास में सही से समझ नहीं आता है. ऑनलाइन क्लास से बेहतर ऑफलाइन क्लास है.

छात्रा खुशनुमा भी स्कूल खोलने को लेकर काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लास में काफी परेशानी होती थी. कभी फोन नहीं रहता था तो कभी डाटा खत्म हो जाता था. जिसकी वजह से पढ़ाई बाधित हुआ करती थी लेकिन जब अब स्कूल खुलने लगे हैं तो बहुत खुशी हो रही है कि पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा.

इस बाबत शिक्षिका संध्या यादव ने कहा कि बच्चों के स्कूल आने को लेकर जब सर्कुलर जारी हुआ तो काफी खुशी हुई. लेकिन यह चिंता सता रही थी कि किस तरीके से बच्चों के साथ कोविड-19 का नियम पालन किया जा सकेगा. वहीं उन्होंने कहा कि क्लास रूम में कोविड-19 के नियमों का पालन किया जा सके. इस बात को ध्यान में रखते हुए लैब और कॉन्फ्रेंस हॉल को क्लास रूम में तब्दील कर दिया गया है. बच्चों को ग्रुप में बुलाया जा रहा है. बच्चों को बोर्ड के बदले हुए पैटर्न से भी अवगत कराया जा रहा है.

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वहीं सर्वोदय को-एड स्कूल के प्रिंसिपल हरीश चंद ने कहा कि स्कूल में वैक्सीनेशन की 5 साइट चल रही है. उन्होंने कहा कि इससे चुनौती बढ़ गई है लेकिन बच्चों की सुरक्षा से जरा सा भी समझौता नहीं किया जा रहा है. स्कूल में बच्चे को प्रवेश थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज करने के बाद ही दिया जा रहा है. साथ ही कहा कि जो भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने के लिए भी आ रहा है उन्हें भी थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज किया जा रहा है.

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स्कूल के प्रिंसिपल हरीश चंद ने कहा कि स्कूल को निरंतर सैनिटाइज भी किया जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि फिलहाल बच्चों को ग्रुप में बांटकर ही स्कूल बुलाया जा रहा है.
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