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ओएनजीसी में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी, चार साल बाद पकड़ा गया मुख्य आरोपी

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Published : Apr 7, 2022, 9:59 PM IST

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डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार 14 मई 2018 को ओएनजीसी के चीफ मैनेजर तिलक राज शर्मा की तरफ से वसंत कुंज नॉर्थ थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने बताया कि ओएनजीसी में असिस्टेंट इंजीनियर लगवाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की जा रही है.

नई दिल्ली: ओएनजीसी में असिस्टेंट इंजीनियर की नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के मुख्य आरोपी को क्राइम ब्रांच ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. उसके 7 साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी. आरोपी के खिलाफ पहले भी ठगी के कई मामले हैदराबाद और तेलंगाना में दर्ज हैं.

डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार 14 मई 2018 को ओएनजीसी के चीफ मैनेजर तिलक राज शर्मा की तरफ से वसंत कुंज नॉर्थ थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने बताया कि ओएनजीसी में असिस्टेंट इंजीनियर लगवाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की जा रही है. इसे लेकर मामला दर्ज किया गया और उसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी. पुलिस को पता चला कि ओएनजीसी के मेल से पीड़ितों को मेल आया था. एक सरकारी दफ्तर में उनका साक्षात्कार भी लिया गया था. उन्हें रणधीर सिंह उर्फ कुणाल किशोर से मिलवाया गया जिसने ओएनजीसी में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 22 लाख रुपए लिए थे. इसके बाद वह फरार हो गया.

पुलिस को लगा कि संगठित तौर पर कोई गैंग काम कर रहा है. सितंबर 2018 में क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें दो सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे. आरोपियों से पूछताछ में पता चला था कि मुख्य आरोपी रवि चंद्रा है जो हैदराबाद का रहने वाला है. इसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा था. यही वह शख्स था जिसने लोगों को रणधीर सिंह से मिलवाया था. उसका वास्तविक नाम कुणाल किशोर है. रुपए लेने के समय भी वह मौजूद था. क्राइम ब्रांच की टीम लगातार उसकी तलाश में अलग-अलग जगह दबिश दे रही थी. पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलेंस की मदद से रवि चंद्रा को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है.

रवि ने पुलिस को बताया कि 2017 में वह एक कंसलटेंसी ऑफिस चलाता था. मई 2017 में उसके पुराने छात्र बाला ने उसे रणधीर सिंह से मिलाया जिसने मंत्रालय में अपने संपर्क होने का दावा किया. उसने दो लोगों को रणधीर से मिलाया था. उन्होंने 7 लाख रुपये नौकरी के लिए रणधीर को दिए थे. आरोपी कुणाल किशोर उर्फ रणधीर लोगों को बताता था कि उसका जीजा ओएनजीसी कर्मचारी है और वह आसानी से नौकरी लगवा देगा. उसने युवाओं से उनके सर्टिफिकेट लिए और उन्हें फर्जी इंटरव्यू लेटर जारी किए. इसके बाद उन्होंने फर्जी तरीके से उन्हें मेल भेजा था. सॉफ्टवेयर इंजीनियर विशाल गोयल ने यह मेल बनाया था.

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आरोपी रवि पहले भी हैदराबाद में एक ठगी के मामले में शामिल रहा है. इस मामले में वह अपनी पत्नी आशा लता के साथ गिरफ्तार हुआ था. उसने हैदराबाद मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर ठगा था. इस मामले में 50 से ज्यादा लोग उसका शिकार बने थे. उसके खिलाफ तेलंगाना में भी एक मामला दर्ज मिला है जिसमें उसने एयर फोर्स में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की थी. वह पेशे से वेब डिज़ाइनर है.

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