नई दिल्ली: रक्षाबंधन भाई-बहनों के प्रेम का ऐसा त्योहार है, जिसका इंतजार लोगों को पूरे साल रहता है. हालांकि कोरोना की वजह से इस साल राखी का रंग फीका हो गया है, लेकिन फिर भी भाई-बहन का स्नेह त्योहार को खास बना रहा है. ऐसी ही दो बहनों से आज हम आपको मिलवाएंगे जिनकी जान उनके भाईयों ने बचाई है.
बहन को करते हैं ब्लड डोनेट
एम्स के नर्सिंग ऑफिसर बलराम यादव ऐसे ही एक भाई हैं, जो अपनी बहन की जान बचाने के लिए उन्हें लगातार ब्लड डोनेट करते हैं. दरअसल, बलराम की बहन को ब्लड कैंसर ल्यूकेमिया है, जिनका इलाज एम्स में चल रहा है. बलराम की बहन को लगातार एसटीपी की जरूरत होती है, जो खून का ही एक पार्ट है. बलराम बहन के लिए अब तक 9 बार एसटीपी डोनेट कर चुके हैं.
बलराम ने सभी लोगों को राखी की शुभकामना देते हुए अपनी बहन के जल्द ठीक होने की अपील की है.
किडनी देकर बचाई जान
ऐसी ही एक बहन हैं लक्ष्मी देवी, जिनकी जान उनके भाई ने अपनी किडनी देकर बचाई है. लक्ष्मी की दोनों किडनी फेल हो गई थी और उनकी स्थिति काफी नाजुक थी, जिसके बाद उनके भाई ने एक किडनी देकर लक्ष्मी की जान बचाई.
लक्ष्मी बताती हैं कि 2 सालों तक डायलिसिस करवाना पड़ा, लेकिन ये कोई स्थाई समाधान नहीं था. स्थाई समाधान के लिए डॉक्टर ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी. इसके लिए किडनी डोनर की जरूरत थी. भाई, बहन, मां, पिताजी और पति सभी के ब्लड ग्रुप की जांच हुई, इनमें से सिर्फ मेरे भाई का ब्लड ग्रुप मेरे से मैच हुआ. मेरे भाई ने राखी का फर्ज निभाते हुए मुझे किडनी देकर मेरी जान बचाई है.