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World Water Day 2022: जानें विश्व जल दिवस के इतिहास, पीएम मोदी ने कहा- पानी की एक-एक बूंद बचाएं

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Published : Mar 22, 2022, 10:10 AM IST

पीएम मोदी ने विश्व जल दिवस पर पानी की एक-एक बूंद बचाने का अपना आह्वान दोहराया. साथ ही उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में काम करने वाले सभी लोगों और संगठनों की तारीफ भी की. बता दें कि, ग्लोबल वार्मिंग के अलावा बढ़ती हुई आबादी और संसाधनों के अधिक उपभोग के साथ-साथ पानी की कमी, एक प्रमुख समस्या के रूप में सामने आ रहा है. भारत भी उन देशों में शामिल है, जिसे आने वाले वर्षों में पानी की कमी से जूझना पड़ सकता है.

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नई दिल्ली : ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे के अलावा दुनिया को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसमें चिंता का एक प्रमुख मुद्दा पानी की कमी है. बढ़ती हुई आबादी और संसाधनों के अधिक उपभोग के साथ-साथ पानी की कमी, एक प्रमुख समस्या के रूप में सामने आ रहा है. भारत भी उन देशों में शामिल है जिसे आने वाले वर्षों में पानी की कमी से जूझना पड़ सकता है. रिपोर्टों के मुताबिक, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में भारत अधिक भूजल का उपयोग कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र संगठन पानी की कमी के इस मुद्दे को उजागर करने के लिए प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को 'विश्व जल दिवस' मनाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विश्व जल दिवस ( PM Modi on World Water Day) पर पानी की एक-एक बूंद बचाने का अपना आह्वान दोहराया. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जल संरक्षण को एक जन आंदोलन बनते देखना खुशी की बात है. उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में काम करने वाले सभी लोगों और संगठनों की तारीफ भी की. मोदी ने ट्वीट किया, विश्व जल दिवस के मौके पर आइए, पानी की एक-एक बूंद को बचाने के अपने संकल्प को दोहराएं. हमारा देश जल संरक्षण और स्वच्छ पेयजल तक नागरिकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन जैसे कई उपाय कर रहा है.

  • अद्भिः सर्वाणि भूतानि जीवन्ति प्रभवन्ति च।।

    On World Water Day, let’s reaffirm our pledge to save every drop of water. Our nation is undertaking numerous measures like Jal Jeevan Mission to ensure water conservation and access to clean drinking water for our citizens. pic.twitter.com/HWy0gjK5fV

    — Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों में देश के सभी हिस्सों में हो रहे अभिनव प्रयासों के साथ जल संरक्षण को एक जन आंदोलन बनते देखना खुशी की बात है. मैं उन सभी लोगों और संगठनों की सराहना करना चाहता हूं, जो जल संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण के महत्व और इस संबंध में उनकी सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से जुड़ा वीडियो भी ट्विटर पर साझा किया.

विश्व जल दिवस का इतिहास

1992 में, रियो डी जिनेरियो में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ. उसी वर्ष, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव अपनाया, जिसके द्वारा प्रत्येक वर्ष के 22 मार्च को विश्व जल दिवस घोषित किया गया, इसे 1993 में शुरू किया गया. इसके बाद इसे अन्य समारोहों और आयोजनों से जोड़ा दिया गया. इसके तहत जल क्षेत्र में सहयोग का अंतरराष्ट्रीय वर्ष 2013, और सतत विकास के लिए पानी पर कार्रवाई के लिए वर्तमान अंतरराष्ट्रीय दशक 2018-2028 शामिल है. ये इस बात की पुष्टि करते हैं कि पानी और स्वच्छता के उपाय गरीबी में कमी, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए अहम हैं.

इसे क्यों मनाया जाता है

विश्व जल दिवस एक अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षण दिवस है. इसका मकसद दुनिया भर के लोगों को पानी से संबंधित मुद्दों के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने और फर्क करने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना भी है. वहीं 2021 में, कोरोना वायरस महामारी या कोविड -19 के चलते लोगों द्वारा हाथ धोने और स्वच्छता पर अतिरिक्त ध्यान दिया जा रहा है. इसके अलावा जल की कमी, जल प्रदूषण, अपर्याप्त जल आपूर्ति, स्वच्छता की कमी और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी शामिल है.

विश्व जल दिवस 2022 की थीम

विश्व जल दिवस हर साल एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. इस वर्ष का Theme है - ‘भूजल: अदृश्य को दृश्यमान बनाना (Groundwater: Making The Invisible Visible)’ जिसे IGRAC यानी इंटरनेशनल ग्राउंडवाटर रिसोर्स अस्सेमेंट सेंटर (International Groundwater Resource Assessment Center)द्वारा प्रस्तावित किया गया है.

ताजा-पानी का संकट कितना वास्तविक है

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनिया की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी उन क्षेत्रों में रहती है, जहां पानी तेजी से कम हो रहा है और इस आंकड़े के बढ़ने की संभावना है. दूसरी तरफ प्रतिदिन, लगभग 1,000 बच्चे स्वच्छता से संबंधित बीमारियों से दम तोड़ देते हैं. वहीं दुनिया के कुछ ग़रीब देशों में सूखे की वजह से भूख और कुपोषण का ख़तरा पैदा हो गया है. प्रौद्योगिकी उत्पाद कंपनी 3M इंडिया के अनुसार, 'जल संकट की वजह से भारत के 600 मिलियन से अधिक लोग पानी की कमी का सामना कर रहे हैं.

पानी के संरक्षण के तरीके

पानी अनमोल और यह महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है और इसका उपयोग हममें से प्रत्येक की जिम्मेदारी है कि हम इसका विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें.

· नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी का उपयोग करें.

· वर्षा जल को संग्रहित करें, शुद्ध करें और उसका उपयोग करें.

· ब्रश करते समय, शेविंग करते समय नल को चालू न रखें.

· नल चलाने के बजाय एक कटोरी पानी में सब्जियों को धोएं.

· पानी की खपत को कम करने के लिए अपनी वाशिंग मशीन में हिसाब के मुताबिक पानी भरें

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