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अजय मिश्रा का इस्तीफा न लेने के पीछे क्या है भाजपा की मजबूरी

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Published : Dec 15, 2021, 8:08 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 8:35 PM IST

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अजय मिश्रा का इस्तीफा

एक तरफ अयोध्या, काशी और कोरोना काल के दौरान किए गए गए कार्यों का लेखा-जोखा भाजपा के नेता बढ़-चढ़कर प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur violence) मामले में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे पर अड़ा है. आखिर टेनी का इस्तीफा अभी तक नहीं लेने के पीछे क्या है पार्टी की मजबूरी. आइए जानते हैं वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में..

नई दिल्ली : सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Union Minister Ajay Mishra) को दिल्ली तलब किया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या पार्टी अजय मिश्रा का इस्तीफा लेगी. लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur violence) के बाद खुद गृह राज्यमंत्री ने यह बात कही थी कि यदि उनका पुत्र दोषी पाया जाता है तो वह खुद इस्तीफा दे देंगे और अब एसआईटी की जांच में यह पाया गया है कि उनके पुत्र ने सुनियोजित साजिश के जरिए इस घटना को अंजाम दिया था. लेकिन सरकार कह रही है कि यह मामला अभी कोर्ट में है, इसलिए इस्तीफा लेने का कोई सवाल ही नहीं बनता.

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल से खास बातचीत.

वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद में दो दिन से हंगामा कर रही हैं.

बुधवार को दो मुद्दे केंद्र और उत्तर प्रदेश की सियासत में देखने को मिले, जिसमें एक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तमाम भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ काशी से अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए, तो वहीं दूसरी तरफ देश की संसद में तमाम विपक्षी पार्टियां लामबंद होकर सरकार से गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे मांग रही थीं.

एक तरफ सरकार और सत्ताधारी पार्टी काशी और अयोध्या की भव्यता और विकास की बात कर रही थी, वहीं दूसरी तरफ सरकार इस पशोपेश में है कि अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा लेने पर कहीं उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोट नाराज न हो जाए.

इन तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत से बातचीत में यूपी से भाजपा सांसद जगदंबिका पाल (bjp mp Jagdambika Pal) ने कहा कि काशी और अयोध्या के कार्यक्रम को लेकर पार्टी कोई संदेश देना नहीं चाह रही, बल्कि यह देश और उत्तर प्रदेश के लिए हमारी प्रतिबद्धता है. पहले यूपी में 12 मेडिकल कॉलेज थे आज 69 मेडिकल कालेज हैं. इसी तरह हमारी सरकार हाइवे, एम्स और सड़कों के विकास में पीछे नहीं है.

उन्होंने कहा कि काशी को विकास से जोड़कर देखा जाना चाहिए न कि किसी और चीज से. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योगी सरकार उत्तर प्रदेश में लगातार विकास कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में छह इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दिए गए और लगातार विकास कार्य जारी है. जहां तक सवाल काशी और अयोध्या का है, काशी का विकास जरूरी था इतनी बड़ी धर्म स्थली में लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन पतली गलियों से होकर जाते थे, जिसका विकास कर कॉरिडोर तैयार किया गया. यदि विपक्ष इसे ध्रुवीकरण की बात कह रहा है तो फिर अखिलेश यादव यह क्यों कह रहे हैं कि काशी कॉरिडोर की शुरुआत उनके समय में हुई थी.

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भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी और 2018 में काशी बोर्ड की स्थापना की गई थी और 2022 तक इस कॉरिडोर को पूरा होना था, लेकिन सिर्फ 33 महीने में ही इसे पूरा करके दिखाया गया.

इस सवाल पर कि काशी से अयोध्या के इस कार्यक्रम को किस रूप में देखा जाए, क्या यह एक धार्मिक अनुष्ठान है, या फिर, विकास कार्य के तौर पर भाजपा इसे चुनावी मैदान में ले जाएगी? भाजपा सांसद ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान अपनी जगह है, चूंकि भाजपा धार्मिक परंपरा और इतिहास से बंधी हुई पार्टी है और जब इतने बड़े कॉरिडोर की स्थापना हुई तो ऐसे में प्रधानमंत्री का जाकर वहां पर काशी विश्वनाथ का दर्शन करना, जलाभिषेक करना, यह अपनी संस्कृति है, लेकिन इसे विकास से भी जोड़कर देखा जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान सरकार ने लोगों को मुफ्त खाद्यान्न का वितरण किया और आगे 2022 तक इसे जारी रखने का फैसला किया है, इसीलिए हम विपक्षी दलों के इस आरोप को सिरे से नकारते हैं कि भाजपा मात्र हिंदुत्व के नाम पर वोट मांग रही है.

गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद में हो रहे हंगामे पर भाजपा सांसद ने कहा कि इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है. जब यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में सरकार इस्तीफा क्यों लेगी. उन्होंने कहा कि जहां तक बात दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है, सरकार बार-बार यह कह रही है कि दोषियों को सजा दिलाई जाएगी, लेकिन एसआईटी की जांच में उनके बेटे को सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया गया है और यह तमाम बातें जांच का विषय है और जांच चल रही है, ऐसे में पार्टी इस्तीफा आखिर क्यों मांगेगी?

इस सवाल पर कि क्या पार्टी ब्राह्मण वोट को नाराज नहीं करना चाहती है, उन्होंने कहा कि एसआईटी ने निष्पक्ष जांच करके अपनी रिपोर्ट दी है और आगे अदालत फैसला करेगी. फिर राहुल गांधी संसद क्यों नहीं चलने दे रहे हैं. क्या बगैर किसी जांच के ही किसी को दोषी ठहरा देना उचित है?

उन्होंने कहा कि जहां तक बात किसी वोट बैंक की है, जब से नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, गुड गवर्नेंस के नाम पर ही भाजपा 2017 में उत्तर प्रदेश में आई और 2019 में भी देश में आई है और 2022 में भी पिछले वोटों से भी ज्यादा वोटों से उत्तर प्रदेश में आएगी.

Last Updated :Dec 15, 2021, 8:35 PM IST
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