ETV Bharat / bharat

अपने देश में प्रतिबंधित वैक्सीन को भारत सहित अन्य देशों में करेगा दान अमेरिका

author img

By

Published : Jun 4, 2021, 6:48 PM IST

Updated : Jun 4, 2021, 9:42 PM IST

बाइडेन
बाइडेन

भारत के लिए अमेरिकी वैक्सीन सहायता समुद्र में एक बूंद की तरह है. हालांकि अमेरिका के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए और भी बहुत कुछ किया जा सकता था. पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

नई दिल्ली : कूटनीतिक और रणनीतिक प्रभाव को देखते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को भारतीय मूल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (US vice-president Kamala Harris ) के साथ टेलीफोन पर बातचीत की.

काफी हद तक यह कॉल धन्यवाद देने के लिए था, जहां पीएम मोदी ने कोविड 19 टीकों के माध्यम से भारत की मदद करने के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त किया.

इसी तरह हैरिस ने मेक्सिको के राष्ट्रपति (Mexico President ) एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर(Andres Manuel Lopez Obrador) , ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति (Guatemala President ) एलेजांद्रो जियामाटेई (Alejandro Giammattei)और कैरेबियन समुदाय (Chairman of the Caribbean Community) के अध्यक्ष कीथ रोवले (Keith Rowley) से भी बात की है.

गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने अपनी वैश्विक वैक्सीन साझाकरण योजना (global vaccine plan) का अनावरण किया, जिसमें उन्होंने दुनिया भर के देशों के लिए 8 करोड़ वैक्सीन खुराक की प्रतिबद्धता जताई.

इस दौरान उन्होंने दोहराया कि हम इन खुराकों को लाभ प्राप्त करने या रियायतें लेने के लिए साझा नहीं कर रहे हैं. हम इन टीकों को जीवन बचाने और महामारी को समाप्त करने में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए साझा कर रहे हैं.

राष्ट्रपति बाइडेन की नीति में बदलाव दुनिया भर में बढ़ती आलोचना को रोकने के परिणामस्वरूप हो सकता है कि अमेरिका के पास कोविड 19 टीकों के विशाल भंडार मौजूद है. इतना ही नहीं दुनियाभर में महामारी की दूसरी लहर के कारण मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.

अमेरिका जून तक अन्य देशों को लगभग 8 करोड़ टीकों की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है, अमेरिकी टीकों (US vaccines) की पहली किश्त में एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विभिन्न देशों को लगभग 2.5 करोड़ खुराक शामिल होंगे.

इसके अलावा वैक्सीन की 60 लाख खुराकें मध्य और दक्षिण अमेरिका को भेजी जाएंगी, 70 लाख एशिया के लिए होंगी, जबकि 50 लाख शॉट अफ्रीका भेजे जाएंगे. अन्य 60 लाख वैक्सीन की खुराक सीधे मैक्सिको, कनाडा, दक्षिण कोरिया और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में भेजी जाएगी.

इस संबंध में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कुमार संजय सिंह कहते हैं कि दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए लगभग 70 लाख डोज होंगे. भारत का हिस्सा लगभग 10 लाख होगा.

उन्होंने कहा कि COVID19 महामारी की पहली लहर के दौरान हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) की भारतीय आपूर्ति के प्रति आभार व्यक्त करने के संबंध में अमेरिका से टीके खरीदने के भारतीय प्रयासों को शीर्ष रैंकिंग अमेरिकी अधिकारियों की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका द्वारा बाकी दुनिया के लिए तैयार किए गए कुल 8 करोड़ टीकों में से लगभग 6 करोड़ खुराक एस्ट्राजेनेका (भारत में कोविशील्ड) की बताई जाती है.

अब तक यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) ने केवल तीन टीकों को अधिकृत किया है, जिनका उपयोग कोविड 19 के खिलाफ किया जा सकता है- फाइजर बायोएनटेक (Pfizer BioNTech), मॉडर्ना (Moderna) और जॉनसन एंड जॉनसन (जानसेन)

26 अप्रैल को व्हाइट हाउस ब्रीफिंग (White House briefing) के दौरान प्रेस सचिव (Press Secretary ) जेन साकी (Jen Psaki) ने संकेत दिया था कि जून से पहले 6 करोड़ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca vaccine ) की खुराक तैयार हो सकती है.

पढ़ें - वैक्सीन निर्माता को हर्जाना देना तर्कसंगत कदम : विशेषज्ञ

साकी ने 26 अप्रैल की ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि...दिया गया एस्ट्राजेनेका संयुक्त राज्य में उपयोग के लिए अधिकृत नहीं है, हमें अगले कुछ महीनों में कोविड के खिलाफ अपनी लड़ाई में एस्ट्राजेनेका का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है. हम उम्मीद करते हैं कि लगभग 10 मिलियन (1 core) खुराक हो सकती हैं, जो कि एफडीए द्वारा जारी की जा सकती है. आने वाले कुछ हफ्तों में FDA इस पर अपनी सहमति दे सकता है. तो यह तत्काल नहीं होगा…. और अनुमानित अतिरिक्त 50 मिलियन (5 करोड़) खुराकें हैं, जो उत्पादन के विभिन्न चरणों में हैं. इन्हें मई और जून में चरणों में पूरा किया जा सकता है.

प्रो सिंह का कहना है कि अमेरिका के पास एस्ट्राजेनेका के टीकों का भंडार है, जिसका वह उपयोग नहीं कर सकता, क्योंकि इसे आपातकालीन स्वीकृति (emergency approval) नहीं दी गई है. ये टीके अपनी शेल्फ लाइफ पार कर सकते थे.

उन्होंने कहा कि शेष 2 करोड़ खुराक में से जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की हिस्सेदारी जानना दिलचस्प होगा, क्योंकि अमेरिका में इसके उपयोग को लेकर हिचकिचाहट होती है.

भारत में टीकों की तीव्र कमी और इसके उत्पादन में तेजी लाने की तीव्र आवश्यकता को देखते हुए, दुनिया को बड़े पैमाने पर और भारत को विशेष रूप से अमेरिकी वैक्सीन सहायता बहुत कम लगती है.

Last Updated :Jun 4, 2021, 9:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.