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दो न्यायाधीशों ने चार जजों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम नोट पर आपत्ति जताई

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Published : Oct 6, 2022, 11:00 PM IST

issue of appointment of judges
चार न्यायाधीशों की नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों के कॉलेजियम के दो सदस्यों ने शीर्ष अदालत में चार जजों की नियुक्ति के (issue of appointment of judges) प्रस्ताव पर लिखित सहमति देने को लेकर आपत्ति जताई है. सीजेआई के अलावा, चार वरिष्ठ न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, एसके कौल, एसए नज़ीर और केएम जोसेफ पांच सदस्यीय कॉलेजियम का हिस्सा हैं.

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों के कॉलेजियम के दो सदस्यों ने शीर्ष अदालत में चार न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्ताव (two judges objected collegium note) पर लिखित सहमति देने को लेकर अपनी आपत्ति जताई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. प्रधान न्यायाधीश (CJI) उदय उमेश ललित के नेतृत्व वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने हाल में बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की और शीर्ष अदालत में शेष चार रिक्तियों के लिए कुछ अन्य नामों पर कॉलेजियम में कथित तौर पर विचार-विमर्श हुआ था.

सीजेआई के अलावा, चार वरिष्ठ न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, एसके कौल, एसए नज़ीर और केएम जोसेफ पांच सदस्यीय कॉलेजियम का हिस्सा हैं, जो शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों के नामों का चयन करता है और केंद्र को अनुशंसा करता है. सूत्रों के अनुसार, कॉलेजियम की बैठक दशहरे की छुट्टी से पहले अंतिम कार्य दिवस 30 सितंबर को नहीं हो सकी, क्योंकि कॉलेजियम के एक सदस्य उपलब्ध नहीं थे. शीर्ष अदालत 10 अक्टूबर को फिर से खुलने वाली है.

कथित तौर पर एक प्रस्ताव भेजा गया जिसमें उच्च न्यायालय के तीन मुख्य न्यायाधीशों और एक वरिष्ठ अधिवक्ता को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने के लिए कॉलेजियम के सदस्य न्यायाधीशों की लिखित मंजूरी मांगी गई थी. परंपरा के अनुसार, कॉलेजियम के सदस्य उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और पदोन्नति के संभावित नामों पर चर्चा करने के बाद प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करते हैं.

सूत्रों ने कहा कि कॉलेजियम के दो सदस्यों को प्रत्यक्ष चर्चा करने की परंपरा को तोड़कर प्रस्ताव भेजने और लिखित में सहमति उपलब्ध कराने को लेकर कुछ आपत्ति है. वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन के अलावा, रविशंकर झा, संजय करोल और पीवी संजय कुमार, क्रमश: पंजाब और हरियाणा, पटना और मणिपुर उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के नाम कथित तौर पर कॉलेजियम सदस्य को उनकी सहमति के लिए भेजे गए हैं.

इससे पहले, सीजेआई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 30 सितंबर को क्रमश: उड़ीसा, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों जसवंत सिंह, पीबी वराले और अली मोहम्मद माग्रे के नामों की सिफारिश करते हुए बयान जारी किए थे. इसने केंद्र को उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर, और जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल को क्रमशः मद्रास और राजस्थान उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की.

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इसने उच्च न्यायालयों के तीन न्यायाधीशों के स्थानांतरण की भी सिफारिश की थी. इससे पहले, शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दत्ता को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी. बारह सितंबर को न्यायमूर्ति ललित के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा, बंबई और कर्नाटक के उच्च न्यायालयों में 20 न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी.

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