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सरकार के आदेश की अवहेलना के मामले में हार्दिक पटेल सूरत कोर्ट से बरी

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 19, 2024, 3:54 PM IST

Updated : Jan 19, 2024, 4:50 PM IST

hardik patel
हार्दिक पटेल

Surat court : सरकार के आदेश की अवहेलना करने के मामले में भाजपा नेता हार्दिक पटेल को सूरत कोर्ट ने बरी कर दिया है. यह मामला विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था. Hardik patel

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सूरत: सूरत कोर्ट ने सरकार के आदेश की अवहेलना करने के मामले में भाजपा नेता हार्दिक पटेल को दोष मुक्त कर दिया है. बताया जाता है सूरत के सरथाणा क्षेत्र में 3 दिसंबर 2017 को विधानसभा चुनाव के दौरान जन क्रांति महासभा का आयोजन किया गया था. सभा में हार्दिक पटेल ने बीजेपी के खिलाफ भाषण दिया था. इस पर पुलिस ने हार्दिक के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसी क्रम में हार्दिक का ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट में बयान दाखिल किया गया था.

इसके अलावा सरथाणा में सरकार के आदेश की अवहेलना करने और गलत बयानबाजी और सार्वजनिक नाम बदनाम करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. इस मामले में कलेक्रटर समेत 8 से 10 साक्षियों ने गवाही भी दर्ज कराई थी.

हार्दिक ने दिया था सरकार विरोध में भाषण : विधानसभा चुनाव के दौरान सूरत जिला कलेक्टर द्वारा एक प्रतिबंध लगाया गया था कि कोई भी उम्मीदवार कोई भी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ गलत और भड़काउ बयानबाजी न करे. हालांकि, इस दौरान हार्दिक ने सूरत के योगी चौक पर आयोजित सभा को संबोधित किया था. हालांकि यह एक गैर राजनीतिक सभा थी परंतु हार्दिक ने इस मंच से राजनीतिक बयान दिए और इस सभा में सरकार के खिलाफ भाषण देने पर हार्दिक पटेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

इस संबंध में हार्दिक पटेल ने कहा कि सरथाणा थाने में जो मामला दर्ज हुआ था उसमें मैं आज निर्दोष साबित हुआ हूं. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अधिकतर मामलों में मैं निर्दोष साबित हो रहा हूं. मेरे जितने भी वकील हैं, उन्होंने सही तर्क और दलीलें दी हैं. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं.

वहीं हार्दिक पटेल के वकील यशवंत वाला ने बताया कि इस मामले में हार्दिक पटेल को 24 जनवरी 2019 को गिरफ्तार किया गया था और पुलिस ने 26 जनवरी को अदालत में चार्जशीट दायर की थी. जिसमें वाहन रैली और जन सभा को लेकर परमिट की शर्त संख्या 14 के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई गई थी. शर्त यह थी कि कार्यक्रम का उपयोग किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रचार या समर्थन या विरोध के लिए नहीं किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं, इस बात पर भी खास नजर रखने को कहा गया कि कोई उम्मीदवार या पार्टी इसका इस्तेमाल किसी रैली या सार्वजनिक बैठक में चुनाव के लिए न करे.

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Last Updated :Jan 19, 2024, 4:50 PM IST
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