चंडीगढ़: नशा तस्करी समेत अपराध पर चर्चा के लिए आज चंडीगढ़ में 6 राज्यों की बैठक हो रही है. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में खासतौर पर ड्रग स्मगलिंग के मामलों को लेकर बातचीत होगी. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के डीजीपी ने पंजाब के डीजीपी से दोनों राज्यों के बीच सीमावर्ती इलाकों से हो रही नशा तस्करी को लेकर बातचीत की थी. क्योंकि हिमाचल प्रदेश में भी ड्रग और नशा तस्करी के मामले काफी लंबे समय से बहुत सक्रिय हो गए हैं. इस वजह से दोनों राज्यों के बीच इसको लेकर आपसी तालमेल स्थापित करने के लिए दोनों पुलिस प्रमुखों ने विस्तार से चर्चा की थी.
हरियाणा में भी नशे के कारोबारी लगातार अपने पांव पसार रहे हैं. इसकी वजह से हरियाणा में युवाओं में नशे की लत लगातार बढ़ती जा रही है. इसको देखते हुए इन पांचों राज्यों के बीच नशा तस्करी को लेकर सहयोग की अधिक आवश्यकता नजर आ रही है. आज होने वाली बैठक में इन सभी राज्यों के पुलिस प्रमुख इसी मुद्दे को लेकर आपसी सहयोग को और ज्यादा मजबूत करने पर चर्चा करेंगे.
उत्तर भारत के राज्यों में नशा तस्करी के बढ़ते मामलों को देखते हुए 2018 में हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया था. इसके अलावा हरियाणा के पंचकूला में एंटी ड्रग सेंटर स्थापित किया गया था. जिसके जरिए नशे के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की कोशिश जारी है. पंचकूला के एंटी ड्रग सेंटर के जरिए उत्तर भारत के 7 राज्यों, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान, नई दिल्ली और जम्मू-कश्मीर पुलिस साथ मिलकर काम कर रही है. इन राज्यों की पुलिस नशे से संबंधित सभी मामले एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं.
देश में बढ़ती नशा तस्करी में सबसे ज्यादा उत्तर भारत के राज्य हैं. देशभर के करीब 270 जिले सबसे ज्यादा नशा तस्करी से प्रभावित हैं. इन जिलों में 10 जिले हरियाणआ के भी शामिल हैं. हरियाणा के सबसे ज्यादा नशा प्रभावित जिलों में सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, रोहतक, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, नूंह, सोनीपत और पानीपत शामिल हैं. साल 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा का सिरसा जिले में 20 प्रतिशत लोग नशे के आदी हैं.
केवल साल 2021 की बात करें तो हरियाणा पुलिस ने 19.03 टन से ज्यादा नशीले पदार्थ बरामद किये थे. इनमें हेरोइन, सुल्फा, स्मैक, चरस, अफीम और चूरा पोस्त समेत गांजा और कोकीन शामिल है. नशा तस्करी के खेल में विदेशी नागरिक भी शामिल पाये गये हैं. हरियाणा में कई नाइजीरियन नागरिकों को नशीले पदार्थ और प्रतिबंधित दवाइयों के साथ पकड़ा जा चुका है. हरियाणा में हर महीने औसतन 200 नशा तस्करी के मामले दर्ज हो रहे हैं.
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