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छत्तीसगढ़ में पेंशन स्कीम पर सियासी टेंशन, नई या पुरानी किस स्कीम में मिलेगा पैसा

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Published : Dec 19, 2022, 9:05 PM IST

Chief Minister Bhupesh Baghel
छत्तीसगढ़ में पेंशन स्कीम को लेकर असमंजस

छत्तीसगढ़ में नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है. Politics on old pension in Chhattisgarh जहां एक तरफ सरकार केंद्र से कर्मचारियों के अंशदान का पैसा मांग रही है ताकि वो कर्मचारियों को पैसा दे सके.वहीं दूसरी तरफ विपक्ष नई पेंशन स्कीम लागू करने की पूरी जवाबदेही राज्य सरकार को निभाने को कह रहा है.साथ ही साथ कर्मचारी भी राज्य सरकार को पेंशन के लिए बाध्य बता रहे.वहीं वित्त विभाग के पूर्व अध्यक्ष की माने तो ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को नई और पुरानी दोनों स्कीमों की तहत पेंशन मिल सकती है.Confusion about pension scheme in Chhattisgarh. आइए जानते हैं की नई पेंशन योजना में जमा राज्य कर्मचारियों के पैसे का क्या होगा? क्या रिटायरमेंट पर दो पेंशन लागू होगी? जो अभी रिटायर हो रहे हैं उनके लिए क्या व्यवस्था होगी? इन सारे बिंदुओं को लेकर ईटीवी भारत ने अलग-अलग वर्गों से बात की.

छत्तीसगढ़ में पेंशन स्कीम को लेकर असमंजस

रायपुर : पूरे देश में साल 2004 में नई पेंशन स्कीम लागू की गई थी. लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने उसे खत्म कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया है. इस योजना के बहाल किए जाने के बाद प्रदेश में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है. जैसे जो कर्मचारी वर्तमान में रिटायर हो रहे हैं उन्हें कितनी पेंशन मिलेगी उनकी राशि का क्या होगी, और जो राशि केंद्र सरकार ने काट ली है वह वापस मिलेगी या नहीं. आने वाले समय में कर्मचारियों को इस नई और पुरानी पेंशन स्कीम के चलते किन परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. Confusion about pension scheme in Chhattisgarh




राज्य के कर्मचारियों का है अंशदान, इसलिए केंद्र सरकार से कर रहे हैं मांग : कुछ दिन पूर्व सांसद में ओवैसी के सवाल पुरानी पेंशन योजना पर केंद्र सरकार ने कहा था कि '' ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि राज्यों को पैसा दिया जाए. ऐसे में छत्तीसगढ़ के जो 17000 करोड़ है उसका क्या होगा. इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "यह जो पैसा है वह विशुद्ध रूप से राज्य के कर्मचारियों का है और राज्य का अंशदान है. भारत सरकार का इसमें एक पैसा भी नहीं है. जो केंद्रीय कर्मचारियों उनका पैसा उनके पास है. लेकिन यह जो पैसा है वह राज्य के कर्मचारियों का है. राज्य का अंशदान है.इसलिए हम मांग कर रहे हैं और इसमें भारत सरकार का नकारात्मक रवैया है.''



अधिकारियों को हल निकालने के निर्देश : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि '' मैंने अधिकारियों को कहा कि कर्मचारी संघ के साथ बैठक करें. बैठक करके जो निष्कर्ष निकल सकता है उस पर विचार विमर्श करें. उसके बाद हमारे पास आये, जिससे हम कर्मचारियों को जो ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किए हैं उस पर कुछ हल निकल सके.''



नई पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों के रिटायरमेंट में समय : पुरानी और नई पेंशन योजना के बीच फंसे कर्मचारियों को लेकर छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अजय तिवारी का कहना है कि '' यह नई पेंशन योजना साल 2004 में लागू की गई और इसके बाद जो भी भर्ती हुई है उन्हें इस नई पेंशन योजना का लाभ मिलता. लेकिन यह लोग अभी नहीं बल्कि आने वाले कई साल बाद रिटायर होंगे तो उस समय उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा. 2004 के बाद जो भी नियुक्ति की गई है वह लगभग 2030 के बाद रिटायर होंगे, तब उन्हें पेंशन मिलेगा.उस समय क्या है स्थिति होगी यह तो सरकार ही बता सकती है. वही 2004 के पहले जिनकी नियुक्ति की गई थी उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है.


राज्य सरकार की है जिम्मेदारी : वहीं छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय झा का भी कहना है कि ''पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा राज्य सरकार के द्वारा की गई है. ऐसे में इस योजना का लाभ कर्मचारियों को देने की जवाबदारी राज्य सरकार की है क्योंकि उन्होंने यह घोषणा केंद्र सरकार से पूछ कर या फिर उनकी सहमति से नहीं की है.वर्तमान में इस योजना से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि 2004 के पहले जिनकी नियुक्ति हुई है उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है.लेकिन साल 2004 के बाद जो नियुक्तियां हुई है उनमें कुछ ही कर्मचारी होंगे, जिन्हें पेंशन देने की परिस्थिति निर्मित होगी. क्योंकि यह लोग अभी रिटायर नहीं होंगे इनके रिटायरमेंट में काफी समय है.''

पेंशन स्कीम पर विपक्ष का मत : इस पूरे मामले को लेकर भाजपा विधायक एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि ''राज्य सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम योजना का लाभ देने की बात कही थी तो वह देने की जवाबदारी भी राज्य सरकार की है. घोषणा आप करो और दूसरे के ऊपर आरोप लगाओ यह उचित नहीं है. पिछले कुछ समय से सरकार का यही काम है कि खुद घोषणा करती है, और फिर केंद्र के ऊपर आरोप लगा देती है. यदि आपने घोषणा की है तो उसका क्रियान्वयन भी आपको करना चाहिए. आपकी केंद्र से लड़ाई है तो आप लड़ते रहिए,लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए.''



वोट बैंक के लिए की गई पुरानी पेंशन योजना लागू : वहीं इस पेंशन योजना को लेकर छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने बताया कि जब साल 2004 में यह पेंशन योजना लाई गई थी तो उस दौरान केंद्र सरकार के द्वारा देश के अन्य राज्यों को यह योजना थोपी नहीं की थी. सभी राज्यों की सहमति से नई पेंशन योजना लागू की गई थी.उस समय विरोध नहीं हुआ.'' वीरेंद्र पांडे ने कहा कि '' आज अनेक पार्टियां चुनाव जीतना चाहती हैं पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा करते हैं. यदि वर्तमान में शासकीय कर्मचारी की बात की जाए तो ये लगभग कुल जनसंख्या का 2% हैं.यदि एक घर में 5 लोग हैं तो 10% जनसंख्या इससे सीधे लाभान्वित होती है. इससे पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा करने वालों लोगों को बहुत बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिल जाता है. वीरेंद्र पांडे ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना का जो वादा किया गया था वह भी जीत का एक प्रमुख कारण था. छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद सत्ता पर आसीन पार्टी को लगता है कि अगले चुनाव में इसका उन्हें लाभ मिलेगा.''


दोनों पेंशन योजनाओं का मिलेगा लाभ : यदि अभी कोई शासकीय कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे कौन सी स्कीम के तहत पेंशन का लाभ मिलेगा. इस सवाल पर वीरेंद्र पांडे ने कहा कि '' वर्तमान परिस्थिति में छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारियों को रिटायर होने पर नई पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना दोनों के तहत पेंशन मिलेगी. जितने साल का केंद्र सरकार के द्वारा नई पेंशन योजना के तहत राशि काटी है वह देगी और पुरानी पेंशन योजना योजना लागू किए जाने के बाद की स्थिति में जो राशि है वह राज्य सरकार देगी. यानी कि वर्तमान समय में जो भी अधिकारी कर्मचारी रिटायर होता है उसे दोहरी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा. उदाहरण के तौर पर यदि कोई नेता विधायक सांसद या फिर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहा तो उसे तीनों पेंशन दी जाती है. इसलिए प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को 2 पेंशन मिल सकता है. हालांकि भी वीरेंद्र पांडे का यह भी कहना था कि यह राशि कोई इतनी बड़ी नहीं है, इससे पेंशन में ज्यादा अंतर नहीं पड़ेगा.

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मार्च में हुई थी पेंशन बहाली की घोषणा : बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा का हवाला देकर 9 मार्च 2022 को पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा की थी. उसके बाद सरकार ने पुरानी पेंशन योजना काे लागू करने का आदेश राजपत्र में प्रकाशित कर दिया. इसी के साथ नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन हो रही 10% की कटौती को भी बंद कर दिया गया.

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