नई दिल्ली: दिल्ली की NIA कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के चार आतंकियों को बुधवार को आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने के लिए 10 साल की सजा सुनाई है. 10 जुलाई को कोर्ट ने इन सभी को देशभर में आतंकवादी हमलों को अंजाम देकर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना था.
कोर्ट ने कहा कि इंडियन मुजाहिद्दीन देशभर में आतंकी हमला कराने की योजना बना रहा है. इस मामले के सात अन्य आतंकियों के खिलाफ भी सुनवाई चल रही है. विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र मलिक ने आरोपियों दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान खान और ओबैद-उर-रहमान को सजा सुनाई है. NIA ने सितंबर 2022 में धारा 121ए के तहत मामला दर्ज किया था. उन पर धारा 17 (आतंकवादी कृत्य के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकी कृत्य करने की साजिश), 18ए (आतंकवादी शिविरों का आयोजन), 18बी (आतंकवादी कृत्य के लिए व्यक्तियों की भर्ती) और 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होना) के तहत आरोप लगाए थे.
दिल्ली में बम विस्फोट करने की थी योजनाः एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपी अपने पाकिस्तान स्थित सहयोगियों और अपने स्लीपर सेल की सक्रिय सहायता से देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर नए सदस्यों को इंडियन मुजाहिद्दीन में शामिल करने का काम कर रहे थे. दिल्ली में बम विस्फोट करने की योजना थी. एनआईए ने कहा कि जानकारी से पता चला है कि आईएम के गुर्गों और उसके प्रमुख संगठनों को अपनी आतंकी गतिविधियों को वित्त पोषित करने के लिए विदेशों से नियमित धन मिल रहा है.