ETV Bharat / bharat

Haridwar Library Scam: BJP अध्यक्ष मदन कौशिक की बढ़ी मुश्किल, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

author img

By

Published : Apr 20, 2022, 3:30 PM IST

बीजेपी
बीजेपी

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के दिन बुरे चल रहे हैं. नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार के लाइब्रेरी घोटाले में उनसे चार हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. मदन कौशिक पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें चुनाव में हराने के आरोपों से पहले से ही जूझ रहे हैं. BJP इन आरोपों की जांच करा रही है. ऐसी संभावना है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मदन कौशिक के हाथ से निकलने वाली है. हरिद्वार लाइब्रेरी घोटाला उत्तराखंड के चर्चित घोटालों में से है. ऐसे में आने वाले दिनों में कांग्रेस इसे हथियार भी बना सकती है.

नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में 2010 में हुए पुस्तकालय घोटाले (haridwar library scam) के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आर.सी. खुल्बे की खंडपीठ ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष तथा तत्कालीन विधायक मदन कौशिक (Madan kaushik) से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद नियत की गई है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया कि अभी तक पुस्तकालयों का संचालन नहीं हुआ है. जबकि, सरकार की तरफ से कहा गया कि पुस्तकालयों का संचालन 2019 में हो गया था.

जानिए पूरा मामला : देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि 2010 में तत्कालीन विधायक मदन कौशिक के द्वारा विधायक निधि से करीब डेढ़ करोड़ की लागत से 16 पुस्तकालय बनाने के लिए राशि आवंटित की गई थी. वहीं, पुस्तकालय बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर उद्घाटन तक का फाइनल पेमेंट भी कर दिया गया. लेकिन आज तक किसी भी पुस्तकालय का निर्माण नहीं किया गया. इससे स्पष्ट होता है कि विधायक निधि के नाम पर विधायक मदन कौशिक ने तत्कालीन जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी समेत ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ मिलकर बड़ा घोटाला किया है.

पढ़ें : CM को लेकर उत्तराखंड BJP प्रदेश अध्यक्ष का देखें इंटरव्यू

याचिकाकर्ता का कहना है कि पुस्तकालय निर्माण का जिम्मा ग्रामीण अभियंत्रण सर्विसेस को दिया गया. विभाग के अधिशासी अभियंता के फाइनल निरीक्षण और सीडीओ की संस्तुति के बाद काम का फाइनल पेमेंट किया गया. इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला हुआ है. लिहाजा, पुस्तकालय के नाम पर हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाए. ऐसे में इस मामले को सुनने के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने मदन कौशिक से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.