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जब दामाद के एक कदम ने बढ़ाई ससुराल की टेंशन, कचरा समझकर कूड़ेदान में फेंके 12 लाख के गहने, जानिए फिर क्या हुआ...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 20, 2023, 11:00 PM IST

Jewelery worth lakhs kept in dustbin in Rewa
रीवा में डस्टबिन में रखे लाखों के गहने

Son in law Threw jewelery in Garbage in Rewa: मध्य प्रदेश के रीवा में चोरी के डर से एक परिवार ने सोने-चांदी के जेवरात डस्टबिन में छुपा दिए. इसके बाद परिवार के लोग अपने रिश्तेदार के चले गए. इसी दौरान घर के दामाद ने जेवरों को कचरा समझकर कचड़ा वाहन में डाल दिये. परिवार वापस लौटा और जब देखा कि डस्टबिन में गहने नहीं हैं तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. फिर परिवार को अपने गहने वापस लेने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़े, पढ़िए पूरी खबर में...

रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा शहर से एक हैरान और परेशान कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां पर रहने वाले एक परिवार के लाखों रुपये के कीमती जेवरात अचानक से गायब हो गए. इस बात की भनक जब घर के लोगों को हुईं तो उनके होश उड़ गए. घर वालों ने जानकारी जुटाई तो पता लगा की दामाद ने डस्टबिन में रखे जेवरात को कचरा समझकर कचड़ा वाहन में डाल दिये. जिसके बाद कचरा कलेक्शन करने वाले वाहन ने कॉलोनी का हर एक घर कचरा कलेक्ट किया और यार्ड में ले जाकर सारा कचरा डंप कर दिया. घर वालों ने तत्काल एक आवेदन नगर निगम के अधिकारी को आवेदन लिखा और जेवरातों की तलाशी के लिए आग्रह किया.

son in law threw gold in garbage cart
परिवार ने जेवर की तलाशी के लिए नगर निगम को लिखा पत्र

कचरा समझ कर डस्टबिन में फेंके जेवरात: दरअसल रीवा शहर के वार्ड क्रमांक 10 के नेहरू नगर में रहने वाली शांति मिश्रा ने चोरी के डर से सोने चांदी के जेवरातों को एक झोले में भरकर डस्टबीन में डाल दिया और डस्टबिन को किचन में रुख दिया. इसके बाद वह परिवार के साथ रिश्तेदारी में चली गईं. घटना 14 अक्टूबर सुबह की है. घर-घर कचरा कलेक्शन करने वाला वाहन कॉलोनी पहुंचा तभी घर में मौजूद शांति मिश्रा के दामाद प्रमोद मिश्रा ने कचरा समझकर डस्टबिन उठाया और उसके अंदर रखे ज्वेलरी को कचरा वाहन में डाल दिया.

डस्टबीन खोलकर कर देखा तो उड़े होश: दूसरे दिन जब शांति मिश्रा ने डस्ट बिन खोलकर देखा तो उनके होश उड़ गए. उन्होंने घर वालों से पूछताछ शुरु की तो उनके दामाद ने बताया कि ''कचरा समझकर गलती से उन्होंने डस्टबिन का सामान डोर टू डोर कचरा एकत्र करने वाले वाहन में डाल दिया.'' इस बात की जानकारी लगते ही परिवार के लोग कचरा कलेक्शन करने वाले वाहन की तलाश में जुट गए. घर वालों ने घटना की जानकारी कचरा गाड़ी का संचालन करने वाली कंपनी के अधिकारियों को दी और सोने चांदी से भरे जेवरात को तलाश करने का आग्रह किया.

son in law threw gold in garbage cart
30 घंटे बाद परिवार को वापस मिले गहने

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450 मैट्रिक टन कचरे से जेवरात बरामद: कचरा प्लांट के प्रबंधन ने तत्काल ही इस मामले पर तत्परता दिखाई और पहाड़िया स्थित कचरा संयंत्र प्लांट में फरियादी के साथ उक्त जेवरात की खोजबीन शुरु की. तकरीबन 30 घण्टे की कड़ी मशक्कत कर 450 मैट्रिक टन कचरे से कर्मचारियों ने सोने और चांदी के जेवरात से भरे झोले को बरामद कर लिया. इसके बाद पीड़ित परिवार को कचरा प्लांट में बुलाया गया और वह झोला उन्हे सौंप दिया गया. सोने चांदी से भरे झोले को वापस पाकर पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली और कचरा प्लांट में तैनात अधिकारी और कर्मचारियों की काफी प्रशंसा की. एचआर मैनेजर देवेंद्र महतो सहित सफाई कर्मचारियों की ईमानदारी की काफी प्रशंसा की. 450 मैट्रिक टन कचरे से बरामद हुए सोने चांदी से बने जेवरात की कीमत तकरीबन 12 लाख रुपये है.

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