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Uproar over Patwari exam in MP: एमपी में पटवारी परीक्षा भर्ती पर बवाल, प्रियंका गांधी बोली-शिवराज सरकार में फिर भर्ती घोटाला

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Published : Jul 13, 2023, 4:09 PM IST

Updated : Jul 13, 2023, 6:57 PM IST

mp Patwari Recruitment exam scame
भोपाल में पटवारी अभ्यार्थी का प्रदर्शन

मध्य प्रदेश में पटवारी परीक्षा घोटाले पर जमकर बवाल हो रहा है. इंदौर के बाद अभ्यार्थी व्यापम के बाहर धरने पर बैठ गए. जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार को 7 दिन का समय दिया है. 7 दिन के अंदर जांच नहीं होती तो उसके बाद भोपाल के जंबूरी मैदान से लेकर दिल्ली तक में आंदोलन किया जाएगा. इधर घोटाले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कई सवाल उठाए हैं.

भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कराई गई मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा में लगे धांधली के आरोपों को लेकर अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रदेश शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कि ''प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपए में बोली लगाए जाने की खबरें हैं और सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है.''

  • मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं।

    नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपए में बोली लगाए जाने की खबरें हैं और सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है? भर्ती घोटालों से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का नाम ही क्यों सामने आता है?…

    — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ''भर्ती घोटाले से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का नाम ही सामने क्यों आता है. नौकरी के लिए भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले हैं. भाजपा सरकार लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में क्यों डाल रही है.'' उधर युवा कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ''पटवारी परीक्षा के दौरान एग्जाम सॉल्वर गैंग पकड़ी गई थी, उसके बाद भी परीक्षा चयन बोर्ड द्वारा परीक्षा का संचालन क्यों जारी रखा गया, जबकि इस मामले में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी.''

शिकायत के बाद भी परीक्षा क्यों हुई: मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि ''मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा शुरुआत से विवादों में रही है. जब यह परीक्षा चल रही थी उस समय एग्जाम सॉल्वर की गैंग पकड़ी गई थी लेकिन परीक्षा का संचालन जारी रखा गया. 4 जुलाई और 11 जुलाई को इस संबंध में लिखित शिकायत भी की गई लेकिन विभाग के प्रमुख सचिव मलाई श्रीवास्तव ने कहा कि ''हमारे संज्ञान में कोई शिकायत ही नहीं आई.'' जबकि कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमलता का कहना है कि "शिकायत आई थी जांच करवा ली गई लेकिन इसके बाद भी परीक्षा जारी रखी गई. इससे साफ होता है कि बीजेपी के कई मंत्री विधायक और बीजेपी नेताओं के साथ कर्मचारी चयन बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी की मिलीभगत है.''

कांग्रेस ने उठाए कई सवाल:

  1. युवा कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि पटवारी रिजल्ट के साथ टॉप टेन लिस्ट मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई. 8 दिन बाद यह सारी लिस्ट जारी की गई. इसमें स्पष्ट घोटाला दिखाई दे रहा है.
  2. टॉप टेन में टॉप 7 स्टूडेंट ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज से है. इनके अलावा लगभग 1000 स्टूडेंट एनआरआई कॉलेज से है और अधिकतम लोगों ने हिंदी में सिग्नेचर किए हैं जो मामले को ज्यादा संदिग्ध बनाते हैं.
  3. भर्ती परीक्षाओं में नियम है कि अभ्यर्थी फॉर्म भरते समय 3 महीने के अंतर्गत का अपडेटेड फोटो लगा सकते हैं. लेकिन पटवारी भर्ती में कई अभ्यर्थियों ने 3 साल पुराना फोटो लगाया, आखिर उनका फॉर्म रिजेक्ट क्यों नहीं किया गया.
  4. फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट के आधार पर कई अभ्यर्थी चयनित हुए हैं जो कि एक विशेष क्षेत्र के है. इसी प्रकार हाल ही में हुई शिक्षक भर्ती में भी एक विशेष क्षेत्र के लोगों ने फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट बनवा कर पद प्राप्त कर लिए थे. जिसमें हाल ही में हुई जांच में से 77 लोग फर्जी पाए गए.
  5. पटवारी परीक्षा में संविदा कर्मी की पोस्ट पर फर्जी संविदा कर्मी चयनित कर लिए गए जिनकी उम्र 19 साल है. उन्होंने 5 वर्ष के संविदा कर्मी के तौर पर हुए अनुभव का प्रमाण पत्र लगाया और नौकरी प्राप्त कर ली. सवाल उठता है कि क्या वे 14 वर्ष की आयु में किसी सरकारी संस्था में संविदा कर्मी के तौर पर सिलेक्ट के लिए गए थे.
  6. इस परीक्षा के पहले कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा में ग्वालियर भिंड मुरैना के आसपास के ही छात्र मेरिट में आए थे और वह बीजेपी नेताओं के संपर्क वाले थे मामला उजागर होने के बाद परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.

इसलिए उठ रहे रिजल्ट पर सवाल: पटवारी भर्ती परीक्षा में टॉप करने वाले 7 छात्रों में से 7 ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के है. इस कॉलेज के मालिक भिंड के विधायक संजीव कुशवाहा है. पटवारी भर्ती परीक्षा मध्य प्देश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित कराई गई थी. व्यापम कांड के बाद इसका नाम बदलकर मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया गया था. जिस कॉलेज में परीक्षा हुई वह ग्वालियर के 12 घाट इलाके में मुख्य सड़क से करीब 1 किलोमीटर अंदर मौजूद है. पटवारी भर्ती परीक्षा में बीजेपी विधायक के इसी कॉलेज में बनाए गए परीक्षा सेंटर से 114 अभ्यर्थी का चयन हुआ है. यही नहीं टॉप टेन में भी 7 परीक्षार्थी इसी केंद्र से आए हैं और यही वजह है कि कांग्रेस इस में भारी गड़बड़ी के आरोप लगा रही है. जो साथ टॉपर इस परीक्षा में आए हैं उन्होंने 200 अंकों वाली पटवारी परीक्षा में 174.88 से लेकर 183.86 तक अंक प्राप्त किए हैं.

Also Read: फर्जीवाड़े से जुड़ी अन्य खबरें

  • मध्य प्रदेश में BJP का एक और भ्रष्टाचार सामने आया।

    पटवारी भर्ती में जमकर धांधली हुई है और इसमें BJP विधायक का नाम आ रहा है।

    आज इस धोखे और धांधली से नाराज युवाओं ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। pic.twitter.com/11jfydCjbK

    — Congress (@INCIndia) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भोपाल में छात्रों का प्रदर्शन: मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा उजागर होने के आरोप के बाद प्रदेश भर में पटवारी की परीक्षा देने वाले छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. भोपाल में भी व्यापम यानी PEB के बाहर सैकड़ों की संख्या में छात्र पहुंचे और जमकर नारेबाजी की. भोपाल के रहने वाले सर्वेश अग्रवाल का कहना था कि ''ग्वालियर के एक ही कॉलेज में मेरिट लिस्ट में 10 में से 7 अभ्यर्थी आए हुए हैं, जिसके बाद यह पूरा का पूरा फर्जीवाड़ा नजर आ रहा है. उसको लेकर हम व्यापम के बाहर धरने पर बैठे हैं और मांग करते हैं कि इस पूरे मामले में दोबारा परीक्षा कराई जाए. जिससे कि निष्पक्ष रुप से सही विद्यार्थियों को स्थान मिल सके.

दिल्ली तक में आंदोलन की चेतावनी: प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों में मध्यप्रदेश बेरोजगार संघ के भी कार्यकर्ता जुड़े थे, जो खुद भी पढ़े लिखे होने के बाद बेरोजगारी की कगार पर हैं. छात्र का कहना है कि ''उन्होंने इस मामले में 7 दिन का समय मंडल और सरकार को दिया है. अगर इस मामले में 7 दिन के अंदर जांच नहीं होती तो उसके बाद भोपाल के जंबूरी मैदान में आंदोलन शुरू किया जाएगा, जो दिल्ली तक जाएगा.'' उनका कहना है कि ''उनके हक की लड़ाई अब आगे जारी रहेगी. व्यापम के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से यहां भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था.''

Last Updated :Jul 13, 2023, 6:57 PM IST
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