ETV Bharat / bharat

MP Assembly Election 2023: राहुल के 150 सीटों का टारगेट पूरा करने की कवायद, 66 मुश्किल सीटों पर खड़गे का फोकस

author img

By

Published : Jun 11, 2023, 6:44 PM IST

Congress president Mallikarjun Kharge
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारियों में लगी है. पार्टी का ज्यादा ध्यान उन 66 विधानसभा सीटों पर है, जो वह कई बार से हार रही है (Kharge focusing on 66 tough seats). ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 66 विधानसभा सीटों पर पार्टी की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश में विशेष पर्यवेक्षकों के रूप में चार वरिष्ठ नेताओं को तैनात किया है. दरअसल इस राज्य में 66 विधानसीटों पर सबसे पुरानी पार्टी वर्षों से हार रही है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे ने दिल्ली इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष चोपड़ा, गुजरात इकाई के पूर्व प्रमुख अर्जुन मोधवाडिया, हिमाचल प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह राठौड़ और उत्तराखंड के प्रदीप टम्टा जैसे वरिष्ठ लोगों को 66 विधानसभा सीटों का सर्वेक्षण करने के लिए तैनात किया है ताकि संभावित उम्मीदवारों की पहचान करें और उन जिलों में पार्टी को मजबूत किया जा सके.

एआईसीसी के एक पदाधिकारी ने कहा, 'ये वो सीटें हैं जिन्हें हम पिछले तीन चुनावों से नहीं जीत पाए हैं. जाहिर है, वहां कुछ दिक्कतें हैं. इन वरिष्ठ नेताओं के दौरे से स्थानीय कार्यकर्ताओं को बढ़ावा मिलेगा, वह उठाए जाने वाले सुधारात्मक कदमों पर एआईसीसी को फीडबैक प्रदान करेंगे. इससे पार्टी आलाकमान को संभावित उम्मीदवारों की पहचान करने में भी मदद मिलेगी.'

बहुमत का आंकड़ा 116 सीट : उन्होंने कहा कि 'इन मुश्किल सीटों में से आधे से ज्यादा जीतने का विचार है. अगर हम ऐसा कर पाए तो राहुल गांधी द्वारा दिए गए 150 सीटों के लक्ष्य को आसानी से पूरा कर लिया जाएगा.' मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए आवश्यक साधारण बहुमत 230 सीटों वाले सदन में 116 सीटों का है. 2018 में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और छोटे दलों और कुछ निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाने में सफल रही थी. बीजेपी के पास 104 सीटें थीं.

हालांकि, 2020 में वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए और कमलनाथ सरकार के पतन का कारण बने क्योंकि 20 से अधिक विधायकों ने ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार के प्रभाव में विश्वास मत में कांग्रेस के खिलाफ मतदान किया.

एआईसीसी प्रभारी जेपी अग्रवाल ने बताया कि 'इस बार राहुल गांधी ने 150 सीटों का लक्ष्य रखा है ताकि कांग्रेस आराम से बहुमत की सरकार बना सके और भाजपा को हमारे नेताओं को खरीदने का अवसर न मिले. हमें आने वाले चुनावों में जीत का भरोसा है.'

उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार ने राज्य के लिए कुछ नहीं किया और सत्ता पक्ष के खिलाफ गुस्से की लहर है.' कांग्रेस का विश्वास आरएसएस द्वारा किए गए कुछ हालिया सर्वेक्षणों से भी बढ़ा है, जिसमें कहा गया है कि भाजपा को एमपी में लगभग 55-60 सीटें मिलने की संभावना है.

एमपी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शोभा ओझा ने ईटीवी भारत को बताया कि 'ये हमारे सर्वेक्षण नहीं हैं बल्कि कथित तौर पर आरएसएस द्वारा किए गए हैं. स्वाभाविक रूप से, भाजपा बहुत चिंतित है. हम पहले से ही संदेश फैलाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से सर्वेक्षण का प्रचार कर रहे हैं.'

हालांकि कांग्रेस ने सोचा था कि सिंधिया के बाद की भव्य पुरानी पार्टी को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कठिन समय का सामना करना पड़ेगा, जहां पूर्व शाही परिवार का प्रभाव गिना जाता है, उस क्षेत्र में स्थानीय निकाय चुनाव भव्य पुरानी पार्टी के लिए अनुकूल थे.

शोभा ओझा ने कहा कि 'हमें अब ग्वालियर-चंबल अंचल में अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा है. इसके अलावा, राज्य इकाई के प्रमुख कमलनाथ और अन्य वरिष्ठ नेता पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को जुटाने के लिए राज्य भर में यात्रा कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस एकजुट है और आने वाले चुनावों में इसका हमें फायदा मिलेगा.'

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.