ETV Bharat / bharat

Iran governments plea: भारतीय कंपनी को 35 लाख डॉलर देने संबंधी आदेश के खिलाफ ईरान सरकार की याचिका खारिज

author img

By

Published : Mar 18, 2023, 11:58 AM IST

Iran government's plea against order to give $3.5 million to Indian company dismissed
भारतीय कंपनी को 35 लाख डॉलर देने संबंधी आदेश के खिलाफ ईरान सरकार की याचिका खारिज

बंबई उच्च न्यायालय ने रेल के डिब्बों की बिक्री संबधी एक मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. यह मामला वैश्विक निविदा से जुड़ा हुआ था.

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने रेल के डिब्बों की बिक्री संबधी एक मामले में एक भारतीय कंपनी को 35 लाख डॉलर से अधिक का भुगतान करने के संबंध में ईरान सरकार को दिए गए आदेश के खिलाफ दायर पश्चिम एशियाई देश की याचिका खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति के आर श्रीराम और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने इस सप्ताह की शुरुआत में सुनाए गए फैसले के तहत ईरान सरकार की याचिका को खारिज कर दिया और उसे भारतीय कंपनी केटी स्टील्स को चार सप्ताह में 10 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश भी दिया.

ईरान सरकार ने रेल के डिब्बों की खरीद के लिए ईरानियन इस्लामिक रिपब्लिक रेलवे (आरएआई) के जरिये एक वैश्विक निविदा जारी की थी। उस समय भारत सरकार ‘स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन’ (एसटीसी) के जरिये डिब्बे निर्यात कर रही थी. केटी स्टील्स ने एसटीसी के माध्यम से अपनी बोली प्रस्तुत की और सार्वजनिक उपक्रम की भारतीय कंपनी (एसटीसी) ने 16 मार्च 1970 को ईरान सरकार के साथ एक खरीद अनुबंध किया. एसटीसी ने नवंबर 1970 में एक अलग अनुबंध के माध्यम से केटी स्टील्स को अनुबंध का लाभ दिया.

अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण 1972 में डिब्बों को भेजने के लिए माल ढुलाई शुल्क में वृद्धि हुई और अगस्त 1976 में अनुबंध में संशोधन किया गया। इस संशोधन के बाद निर्यात 1977 तक जारी रहा. केटी स्टील्स ने आरोप लगाया कि ईरान ने 1973 में भेजे गए 306 डिब्बों और 1977 में भेजे गए 94 डिब्बों के लिए माल ढुलाई शुल्क का भुगतान नहीं किया. भारतीय कंपनी ने सितंबर 1996 में उच्च न्यालय में मामला दायर किया, लेकिन ईरान सरकार सुनवाई के दौरान अदालत के सामने एक भी बार पेश नहीं हुई.

इसके बाद 2008 में बंबई उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने एकतरफा फैसला सुनाते हुए इस्लामिक गणराज्य ईरान (आईआरआई) को 304 डिब्बों के लिए 13,87,727 डॉलर, 94 डिब्बों के लिए 16,96,722 डॉलर और नुकसान के लिए 4,84,840 डॉलर यानी कुल कुल 35,69,289 डॉलर की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया. अदालत ने मामला दायर करने की तिथि से लेकर भुगतान किए जाने तक माल ढुलाई शुल्क पर नौ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज देने का भी आदेश दिया.

ये भी पढ़ें-Bombay High Court : अदालत ने स्वीकार किया नवाब मलिक की हालत गंभीर, अगले सप्ताह से जमानत अर्जी पर करेगी सुनवायी

आरएआई ने 12 वर्ष के बाद उच्च न्यायालय में इस आदेश के खिलाफ एक याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि आईआरआई के खिलाफ गलत तरीके से मुकदमा दायर किया गया था और वास्तव में इसे आरएआई के खिलाफ दायर किया जाना चाहिए था. अदालत ने कहा, 'हमने गौर किया है कि ईरान सरकार ने इस अदालत के समक्ष पेश नहीं होने का विकल्प चुना और वह अब भी उसके आदेशों का पालन करने से इनकार कर रही है. याचिकाकर्ता (आईआरआई) ने इस अदालत के समक्ष कोई अभिवेदन नहीं दिया है, बल्कि केवल आरएआई, जो याचिका में पक्षकार भी नहीं है, उसने मामले की पैरवी के लिए एक वकील को नियुक्त किया है.' अदालत ने इसी के साथ आईआरआई की याचिका खारिज कर दी और उसे केटी स्टीस को चार सप्ताह में 10 लाख रुपये जुर्माना देने का भी आदेश सुनाया.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.