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Bombay High Court : अदालत ने स्वीकार किया नवाब मलिक की हालत गंभीर, अगले सप्ताह से जमानत अर्जी पर करेगी सुनवायी

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Published : Feb 24, 2023, 7:12 PM IST

Nationalist Congress Party leader Nawab Malik
राकांपा नेता नवाब मलिक

बंबई हाई कोर्ट (Bombay High Court) कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार किए गए राकांपा नेता नवाब मलिक की जमानत अर्जी पर अगले हफ्ते से सुनवाई करेगी. कोर्ट मलिक के स्थास्थ्य की स्थिति खराब होने के मद्देनजर यह सुनवाई करेगी. बता दें कि मलिक के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनकी एक किडनी खराब हो चुकी हौ और दूसरी किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है.

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि कथित धनशोधन मामले में गिरफ्तार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक की स्थिति गंभीर है. साथ ही अदालत उनकी जमानत अर्जी पर अगले सप्ताह गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करने पर सहमत हो गई. मलिक को 23 फरवरी, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कथित तौर पर भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े संपत्ति लेनदेन के मामले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था.

उन्होंने पिछले साल चिकित्सा आधार पर जमानत का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था. न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक ने इस महीने की शुरुआत में मलिक के वकीलों से कहा था कि उन्हें पहले अदालत को इसको लेकर संतुष्ट करना होगा कि मलिक की हालत गंभीर है. इस हफ्ते मलिक के वकील अमित देसाई की संक्षिप्त जिरह के बाद न्यायमूर्ति कार्णिक ने शुक्रवार को माना कि मलिक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति से जूझ रहे हैं.

अदालत ने कहा, 'मैं इसे संज्ञान में ले रहा हूं कि वह गंभीर चिकित्सा स्थिति से पीड़ित है. हम इस मामले की गुण-दोष के आधार पर अगले सप्ताह से सुनवाई करेंगे.' मलिक के वकील देसाई ने अधिवक्ता कुशाल मोर के साथ दलील दी थी कि मलिक एक साल से अधिक समय से जेल में हैं. उनकी एक किडनी खराब हो गई है और दूसरी किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है. देसाई ने कहा, 'जांच के लिए अदालतों से अनुमति लेने में 2-3 सप्ताह लगते हैं, इस तरह से काम नहीं होना चाहिए.'

उन्होंने पीएमएलए की धारा 45 के तहत अपवाद की ओर इशारा किया जो उन मामलों के लिए है जिसमें आरोपी 16 साल से कम उम्र का है या महिला है या बीमार है. मई 2022 में, पीएमएलए से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए निर्दिष्ट विशेष अदालत ने उन्हें चिकित्सा आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी थी.

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(पीटीआई-भाषा)

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