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बाढ़ और कटाव से कराह रहा बिहार.. लोगों को मदद का है इंतजार

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Published : Jul 4, 2022, 9:57 PM IST

Flood in Bihar
Flood in Bihar

मॉनसून की बारिश से बिहार की नदियों में उफान है. सीमांचल में कोसी (Kosi River) और उसकी सहायक नदियों ने तांडव मचा रखा है. मुजफ्फरपुर में भी बागमती और गंडक नदी उफान (Flood in Muzaffarpur) पर है. महानंदा और परमान नदी का कहर पूर्णिया (Flood in Purnea) पर टूटा है तो सहरसा और सुपौल में कोसी ने कहर बरपा रखा है. पढ़ें पूरी खबर

पटना : बिहार के कई क्षेत्रों में इस सप्ताह हुई बारिश के बाद कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा (Flood in Bihar) हो गई. नदियों का पानी निचले गांवों और घरों में घुसने से बड़ी संख्या में लोगों के सामने संकट पैदा हो गया है. एक ओर जहां बारिश के कारण किसान खुश हैं, वहीं कई नदियों और उनकी सहायक नदियों में जल स्तर में अचानक वृद्धि हुई है, जिससे सीमांचल और कोसी क्षेत्रों के बाढ़ संभावित जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.

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लोगों को अलर्ट रहने की चेतावनी : राज्य की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. गंगा, कोसी, बागमती, गंडक, महानंदा, कमला बलान, परमान, कंकई और लालबेकिया समेत सभी नदियां उफान पर हैं. अधिकारियों ने अलर्ट जारी किया है और नदियों के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है.

गोपालगंज में घुसा पानी : वाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़ने के बाद गोपालगंज में गंडक नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पानी के बढ़ने से गोपालगंज सदर प्रखंड के कई गांव बाढ़ (Gopalganj Flood) के पानी से घिरे हुए हैं. गोपालगंज सदर प्रखंड के आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं. सभी गांव गंडक के निचले इलाके के क्षेत्र में आते हैं. जहां अक्सर गंडक के जलस्तर बढ़ने के साथ ही ये गांव हर साल पानी से घिर जाते हैं.

मुजफ्फरपुर में दहशत में लोग : मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 69 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर के तीन प्रखंड औराई, कटरा और मीनापुर में तबाही की हालात बन गयी है. बागमती और गंडक नदी उफान पर है. नेपाल में हो रही तेज बारिश के कारण इन नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अबतक दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोग बांध की ओर पलायन कर रहे हैं. वहीं, सड़कों पर पानी चढ़ जाने और बह जाने से कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है.

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अररिया में बाढ़ से परेशानी : ग्रामीण इलाकों के बाद अब बाढ़ का प्रकोप अररिया के शहरी क्षेत्रों में भी शुरू हो गया है. नगर परिषद के आधे दर्जन वार्ड में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोगों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. नगर परिषद के वार्ड नंबर 11,12,13, 23, 28 और 29 में परमान नदी का पानी घुस गया है. वार्ड नंबर 11 खरैया बस्ती होकर बांसबाड़ी, डमहेली, झमटा, गुरमेही, खवासपुर आदि जगह जाने का रास्ता लगभग बंद हो गया है. सड़क पर 2 से 3 फीट पानी बह रहा है.

नाव की कमी से लोग परेशान : नाव की कमी होने के कारण लोग पैदल ही जान हथेली पर लेकर सड़क को पार कर रहे हैं. कई लोगों ने बताया कि यह स्थिति हर वर्ष होती है. सड़क नीचा होने के कारण सड़क पर हर वर्ष पानी चला आता है. जिससे आवागमन लगभग बंद हो जाता है. यहां सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. एक निजी नाव है जिस पर लोग किसी तरह से आवागमन कर रहे हैं. लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन इस समस्या का जल्द समाधान निकाले.

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मधुबनी-सुपौल में डरा रही नदियां : मधुबनी जिले के जयनगर और झंझारपुर में कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. इस बीच, जिला प्रशासन ने नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाये रखने और तटबन्धों की 24 घंटे निगरानी के निर्देश जारी किए है. जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने कहा है कि तटबंधों में कही भी रिसाव, कटाव, सीपेज, पाइपिंग दिखे तो जिला आपदा नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 06276-222576 या जलसंसाधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 1800-3456-145 पर सूचना दी जा सकती है.

दरभंगा के निचले इलाकों में घुसा पानी : दरभंगा में भी तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली बागमती और अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. नदियों के उफान में आते ही निचले इलाकों में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. प्रखंड के अम्मा, बहपत्ती, छतौना, काली, डीहलाही, नरदरिया और पोअरिया गांव के खेतों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. बढ़ते जलस्तर के कारण बहपत्ती जाने वाली सड़क में बने पुलिया पर प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग होने की संभावना है. बाढ़ की आशंका से यहां के लोग सहमे हुए हैं. इस प्रखंड की सभी 14 पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित हो जाती है. बाढ़ के समय में यहां के लोगों को खाने पीने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि मवेशियों के सामने सूखा चारा की भी किल्लत हो जाती है.

''पुलिया पर पानी आ जाने पर अम्मा और बहपत्ती गांव के लोगों का आवागमन बहाल करने के लिए नाव उपलब्ध कराई जा रही है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रभावित जगहों पर सरकारी स्तर से दी जाने वाली सभी सुविधा जल्द मुहैया करा दी जाएगी.'' - कैलाश चौधरी, सीओ

पूर्णिया के परमान नदी में आई बाढ़ में बहा पुल: पूर्णिया जिले के देगराघाट में महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. जिले के परमान नदी में आई बाढ़ से पुल बहने के कारण कई गांवों संपर्क टूट गया है तो वहीं कई गांवों में भी पानी जा घुसा है. बायसी के मडवा गांव में महानंदा नदी का भीषण कटाव हो रहा है. मडवा गांव में कई घर कटकर महानंदा नदी में विलीन हो गए. यहां कई परिवार कटाव के कारण स्कूलों में शरण लिए हुए हैं.

शिवहर में पानी से परेशानी: शिवहर में बागमती का पानी फैल रहा है. इससे लोग परेशानी बढ़ा गई हैं. शिवहर-चंपारण स्टेट हाईवे और तरियानी-बेलसंड पथ पर आवागमन बाधित है. इधर, कोसी और सीमांचल इलाकों के कई प्रखंडों के निचले इलाके में बाढ का पानी प्रवेश कर गया है. कृषि वैज्ञानिक इस बारिश को खेती के लिए सही मान रहे हैं. बता दें कि बिहार में किसान के लिए खरीफ फसल खासकर धान प्रमुख खेती है. धान की खेती मानसूनी बारिश पर ही निर्भर है.

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