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दिल्ली में प्रदूषण इमरजेंसी जैसे हालात, 50% कर्मचारी ही आएंगे ऑफिस

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Published : Nov 3, 2022, 10:38 PM IST

Updated : Nov 3, 2022, 11:01 PM IST

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) यानी NCR में प्रदूषण इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लेवल 450 पहुंच गया है. इसके बाद गुरुवार को दिल्ली सरकार ने बैठक कर ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान( GRAP-4) को लागू कर दिया.

दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश.
दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश.

नई दिल्लीः दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) यानी NCR में प्रदूषण इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लेवल 450 पहुंच गया है. इसके बाद गुरुवार को दिल्ली सरकार ने बैठक कर ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान( GRAP-4) को लागू कर दिया.

सरकार की जारी चिट्ठी में कहा गया है कि दिल्ली में वायू प्रदूषण से इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं. इस कारण ट्रकों और डीजल वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. साथ ही साथ बिना PNG वाली सभी इंडस्ट्री बंद को बंद किया गया है. सरकारी ऑफिस में 50% कर्मचारियों ही आएंगे.

ये आदेश हुए जारी...

  • दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर रोक लग जाएगी. सिर्फ आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों और सभी सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद हो जाएगी.
  • दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहन (एचजीवी) के दिल्ली में संचालन पर प्रतिबंध लग जाएगा. यहां भी आवश्यक वस्तुओं को ले जाने और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छूट मिलेगी.
  • आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले बीएस-VI वाहनों को छोड़कर, दिल्ली और दिल्ली की सीमा से लगे एनसीआर के जिलों में 4-व्हीलर डीजल एलएमवीएस के चलने पर प्रतिबंध लग जाएगा.
  • दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में राजमार्गों, फ्लाईओवर, बिजली तथा पाइपलाइन जैसी विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में निर्माण कार्य पर रोक.
  • दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच केंद्र, राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने का फैसला कर सकती हैं.
  • एनसीआर में उन सभी उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया गया है जो स्वच्छ ईंधन से संचालित नहीं हो रहे हैं.
  • राज्य स्कूलों को बंद करने, गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों, वाहनों के लिए ऑड-ईवन योजना पर सरकार निर्णय ले.
    दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश.
    दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश.

आंखों में जलन से लोग परेशानः दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) यानी NCR के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर बहुत अधिक बढ़ गया (pollution level rises) है. कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में और डार्क रेड जोन (Dark Red Zone 400-500 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों में धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के कारण लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिन इलाक़ों में प्रदूषण का स्तर 400 के पार है, वहां लोगों को आंखों में जलन महसूस हो रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली आज देश में सबसे प्रदूषित शहर है.

हालात बेहद खराब : दिल्ली एनसीआर के हालात मौजूदा समय में बेहद खराब नजर आ रहे हैं. दिल्ली के अलीपुर, शादीपुर, एनएसआईटी द्वारका, डीडीयूसी, आरके पुरम, नॉर्थ कैंपस, पूसा द्वारका सेक्टर- 8 आदि क्षेत्र डार्क रेड जोन में बने हुए हैं. यानी इन क्षेत्रों का प्रदूषण स्तर 400 के पार है. एनसीआर के अन्य सभी इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन यानी कि 300 के पार है, जो कि लोगों के लिए बेहद खतरनाक है.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क : जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले में अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सांस के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं.मास्क को समय-समय पर धोने की जरूरत होती है.

बाहर निकलने से करें परहेज : सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वे लोग जिनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुगों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.

ऐसी किया जाता है वर्गीकरण : एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायऑक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

Last Updated :Nov 3, 2022, 11:01 PM IST
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