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ड्रोन सेवा क्षेत्र में अगले पांच साल में होगा एक लाख रोजगार का सृजन : सिंधिया

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Published : Apr 22, 2022, 2:38 PM IST

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ड्रोन सेवा क्षेत्र में अगले चार-पांच वर्षों में लगभग एक लाख रोजगार सृजन होने की संभावना है. भारत सरकार ने ड्रोन क्षेत्र के लिए उत्पादकता से जुड़ी पीएलआई योजना निकाली है. इसके तहत ड्रोन निर्माण के एक नवजात उद्योग, जिसका कुल राजस्व 60 करोड़ रुपये था, को अगले तीन वर्षों में 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा.

नयी दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ड्रोन सेवा क्षेत्र में जबरदस्त संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र में अगले चार-पांच वर्षों में लगभग एक लाख रोजगार के मौके मिलेंगे. भारत सरकार ने ड्रोन निर्माण क्षेत्र के लिए उत्पादकता से जुड़ी एक योजना निकाली है. इस योजना के तहत ड्रोन निर्माण के एक नवजात उद्योग, जिसका कुल राजस्व 60 करोड़ रुपये था, को अगले तीन वर्षों में 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया. इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (IACC) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में मंत्री न कहा है.

पिछले साल घोषित पीएलआई योजना के तहत, ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माता के लिए प्रोत्साहन कंपनी द्वारा अगले तीन वर्षों के दौरान किए गए मूल्यवर्धन का 20 प्रतिशत होगा. मूल्यवर्धन की गणना ड्रोन और ड्रोन घटकों से वार्षिक बिक्री राजस्व (जीएसटी का शुद्ध) घटाकर ड्रोन और ड्रोन घटकों की खरीद लागत (जीएसटी का शुद्ध) के रूप में की जाती है. मंत्रालय ने पीएलआई योजना के लाभार्थियों के रूप में चयनित 14 ड्रोन कंपनियों के नाम जारी किए हैं.

हम ड्रोन निर्माण क्षेत्र में लगभग 5,000 करोड़ रुपये के नए निवेश की संभावना देख रहे हैं. इसके साथ ही ड्रोन सेवा क्षेत्र में हम अगले चार-पांच वर्षों में 1,00,000 नौकरियों के सृजन की उम्मीद कर रहे हैं. इस क्षेत्र में जबरदस्त संभावनाएं हैं. भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है और हमारी राष्ट्रीय आय का 75 प्रतिशत हिस्सा 2031 तक शहरों से आने वाला है. आने वाले दशक में भारत की नियति तय करने में परिवहन और रसद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

उन्होंने कहा कि देश में अभी लगभग 140 हवाई अड्डे हैं और सरकार की योजना अगले चार-पांच वर्षों में इसमे 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की है. आगामी पांच वर्षों में अपने वाणिज्यिक बेड़े का आकार वर्तमान में 710 विमानों से बढ़कर 1,200 विमानों का हो जाएगा. सरकार अपने उड़ान प्रशिक्षण केंद्रों का तेजी से विस्तार करने पर भी विचार कर रही है और आने वाले कुछ वर्षों में उनकी संख्या 34 से बढ़कर 58 तक पहुंचने की उम्मीद है. वैश्विक विमान कलपुर्जे उद्योग भारत में तेजी से बढ़ रहा है. बोइंग वर्तमान में भारत से 1 बिलियन अमरीकी डालर (एक बिलियन = 10,000 लाख) के विमान घटकों का आयात कर रहा है और एयरबस वर्तमान में भारत से लगभग 650 मिलियन अमरीकी डालर के विमान के घटकों का आयात कर रहा है.

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पीटीआई

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