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NEET UG Counseling Dealy: मेडिकल एजुकेशन के इतिहास में पहली बार 1 साल में चलेंगे दो नए सेशन

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Published : Sep 27, 2022, 10:40 PM IST

NEET UG 2021, NEET UG Counselling 2022
पहली बार 1 साल में चलेंगे दो नए सेशन.

NEET UG 2022 की परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद भी काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई (Delay in NEET UG Counselling 2022) है. बताया जा रहा है अक्‍टूबर में काउंसलिंग शुरू हो सकती है. ऐसे में इस साल फर्स्‍ट ईयर के बैच के पास आउट नहीं होने से पहले ही साल 2022 का नया फर्स्‍ट ईयर का बैच शुरू हो जाएगा.

कोटा. देश के सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट (NEET UG 2022) का परिणाम घोषित हुए 20 दिन से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अभी 993000 विद्यार्थियों को काउंसलिंग का इंतजार (NEET UG Counselling 2022) है. मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की काउंसलिंग के जरिए ही देश भर की करीब 97000 से ज्यादा मेडिकल सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा. हालांकि मेडिकल एजुकेशन के इतिहास में यह पहला साल होगा, जिसमें एक सत्र में 2 नए सेशन चलेंगे.

करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि 2021 में आयोजित हुई NEET UG की परीक्षा परिणाम नवंबर 2021 महीने में जारी हो गया था, लेकिन काउंसलिंग जनवरी 2022 में शुरू हुई थी. जिसके बाद फरवरी 2022 में नया सेशन शुरू हुआ था. इस साल NEET UG 2022 परीक्षा 17 जुलाई को आयोजित हुई थी. रिजल्‍ट के बाद भी काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई है. अक्टूबर में काउंसलिंग शुरू होने की उम्‍मीद है. नवंबर या दिसंबर से नया मेडिकल सत्र शुरू होगा. ऐसा नहीं है कि यह पहला साल होगा, जिसमें दो मेडिकल सेशन शुरू होंगे. यानी कि फर्स्ट ईयर का एक बैच (2021) पास आउट नहीं होने के पहले ही दूसरा फर्स्ट ईयर का बैच (2022) आ जाएगा.

पहली बार 1 साल में चलेंगे दो नए सेशन.

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सीमित फैकल्टी और संसाधन से बढ़ेगी दिक्कत: राजस्थान में भी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी है. पहले मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया और अब नेशनल मेडिकल कमिशन के निरीक्षण के दौरान फैकल्टी हेड काउंट होता है. जिसमें भी राजस्थान के एक से दूसरे मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी का स्थानांतरण अस्थाई रूप से कर दिया जाता है. कई बार तो ऐसी स्थिति रहती है कि फैकल्टी किसी दूसरे मेडिकल कॉलेज में कार्यरत है और उसे कार्य व्यवस्था के लिए दूसरे मेडिकल कॉलेज में भेज दिया जाता है, जहां पर सीट बढ़ाने या फिर रेगुलर निरीक्षण होता है. ऐसे में संसाधनों की भी कमी मेडिकल कॉलेजों में रहती है, जिससे भी समस्या हो सकती है.

व्यवस्था बनाना होगा चुनौती: नए बैच के आने की संभावना के चलते मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्थाएं जुटाना चुनाती होगी. सभी मेडिकल कॉलेजों से 15 सितंबर तक सीट मैट्रिक्स ले ली गई है. कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि एक ही साल में दो नए बैच आएंगे, तब थोड़ी व्यवस्था बनाने में परेशानी होगी. हमारे यहां पर हर साल 250 स्टूडेंट्स नए आते हैं. ऐसे में नए लेक्चर थिएटर, डिसेक्शन हॉल, हॉस्टल व लाइब्रेरी में दिक्कत आएगी. हालांकि एक साथ दो नए बैच आ जाने के बाद क्लीनिकल पोस्टिंग के टाइम चेंज किए जाएंगे. साथ ही लेक्चर के समय भी बदले जाएंगे.

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NEET PG की काउंसलिंग भी रिजल्ट के 3 महीने बाद हुई शुरू: पारिजात मिश्रा का कहना है कि NEET PG की काउंसलिंग अभी 7 दिन पहले ही शुरू हुई है. जबकि परीक्षा परिणाम जून माह में घोषित हो गया था. इसमें भी करीब चार माह की देरी हुई है, तो यूजी में भी उसका प्रभाव देखने को मिलेगा. NEET PG काउंसलिंग का देरी के कारण में रिजर्वेशन का मुद्दा और सीट का बढ़ाना था. सरकार ने पीजी सीट बढ़ाने के लिए संस्थानों को बोला था और एनएमसी ने एक परिपत्र भी जारी किया था. जिसमें 15 सितंबर के पहले तक कॉलेज को अपनी सीटें बढ़ाने के लिए निर्देश दिए थे. उसी के चलते कॉलेजों ने अपनी अपनी सीट बढ़ाई हैं. बुधवार को संभवत पहले राउंड में सीट एलॉटमेंट का रिजल्ट आ सकता है.

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मेडिकल सत्र की देरी का कारण: पारिजात मिश्रा ने बताया कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका चल रही है. उसका भी कोई आदेश आता है, तभी मेडिकल यूजी काउंसलिंग को लेकर कोई आदेश जारी हो सकता है. इसके अलावा नेशनल मेडिकल कमीशन ने जारी किए गए सर्कुलर के आधार पर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और डीम्ड यूनिवर्सिटी उनको 50 पीजी सीटों पर राज्य की निर्धारित फीस पर ही प्रवेश देना होगा. यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसके अलावा कर्नाटक और केरल हाईकोर्ट में भी ये मामला पहले ही आ चुका है. जबकि हाल ही में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस पर रोक के लिए स्टे दिया है. इन सब न्यायालय से क्या फैसला आता है, यह भी काउंसलिंग में विलय होने का एक कारण हो सकता है.

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पीजी की तरह यूजी में भी बढ़ेगी सीटें, इसलिए भी हो रही देरी: मेडिकल कॉलेजों में बड़ी संख्या में पीजी सीट बढ़ी हैं. ऐसे में यूजी में भी काफी सीट बढ़ेंगी. साल 2021 में जहां पर 606 मेडिकल कॉलेज में 93415 सीटें फाइनल राउंड तक काउंसलिंग में शामिल थी. जबकि इस साल अभी तक 645 मेडिकल कॉलेजों में 97293 सीटें मेडिकल काउंसलिंग कमिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर दर्शाई गई हैं. इनमें 39 कॉलेजों में 5878 सीटें बढ़ी हैं. जिनमें ज्यादातर सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. राजस्थान की बात करें तो धौलपुर, सिरोही, श्रीगंगानगर के कॉलेज को लेटर ऑफ परमिशन (LoP) मिल चुकी है. चित्तौड़गढ़ की एलोपी अभी बाकी है, जो पहले या दूसरे राउंड में मिल जाएगी.

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