ETV Bharat / bharat

Anand Mohan की रिहाई पर CPIML ने नीतीश को घेरा, अरवल कांड के 6 TADA बंदियों की रिहाई की मांग

author img

By

Published : Apr 26, 2023, 1:07 PM IST

Updated : Apr 26, 2023, 1:13 PM IST

Demand for release of 6 accused of Arwal incident
Demand for release of 6 accused of Arwal incident

पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार को उनके ही सरकार में सहयोगी CPIML ने घेरा है. CPIML ने नीतीश कुमार पर पक्षपात का आरोप लगाया है. माले ने अरवल कांड के 6 आरोपियों की रिहाई की मांग उठायी है. साथ ही 28 अप्रैल को धरना प्रदर्शन का ऐलान भी किया गया है. उधर, बीजेपी ने भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं.

पटना: गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी.कृष्णैया हत्याकांड के दोषी रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले में नीतीश कुमार विवादों में घिर गए हैं. पहले तो सिर्फ विपक्ष उन पर निशाना साध रहा था लेकिन अब महागठबंधन सरकार में सहयोगी CPIML ने भी रिहाई पर सवाल उठाए हैं. वहीं, इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने इसके खिलाफ एक पत्र जारी कर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर की है.

पढ़ें- Anand Mohan: आज सहरसा जेल में सरेंडर करेंगे आनंद मोहन, स्थायी रिहाई के लिए शुरू होगी कागजी प्रक्रिया

आनंद मोहन की रिहाई पर IAS एसोसिएशन का सख्त बयान: सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषियों को कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव कर रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी निराशा व्यक्त करता है. कर्तव्यपरायण लोक सेवक की हत्या के आरोप में दोषी को कम जघन्य श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है. इस तहर के संशोधन से एक लोक सेवक के सजायाफ्ता हत्यारे की रिहाई होती है, यह न्याय से दूर करने के समान है. इस तरह से कमजोर पड़ने से लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आएगी, लोक व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है और न्यायिक व्यवस्था का मजाक उड़ाया जाता है. हम बिहार सरकार से अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करे.

"बिहार सरकार के इस पक्षपात पूर्ण नीति के खिलाफ हम 28 अप्रैल को एक दिवसीय सांकेतिक धरना देंगे. भाकपा माले के सभी विधायक पटना में धरना देंगे. धरने के जरिए शेष बचे छह टाडा के बंदियों की हम रिहाई की मांग उठाएंगे."- कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा-माले

6 TADA बंदियों की रिहाई की मांग: CPIML ने एक बार फिर से छह टाडा बंदियों की रिहाई की मांग उठाई है. पार्टी ने पूछा है कि आखिर सीएम नीतीश अरवल के भदासी कांड के टाडाबंदियों की रिहाई पर चुप्पी क्यों साधे बैठे हैं? माले ने नीतीश कुमार पर 14 साल की सजा काट चुके बंदियों की रिहाई को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया है. माले का कहना है कि टाडा के तहत गलत तरीके से फंसाए गए भदासी कांड के बाकी बचे हुए कैदियों को जल्द रिहा किया जाए. साथ ही ये भी कहा गया है कि टाडा के तहत सजा काट रहे 6 बंदी दलित, अतिपिछड़ा और पिछड़े समुदाय के हैं, सभी गंभीर रूप से बीमार भी हैं. 6 बंदी काफी बूढ़े भी हो चुके हैं. भाकपा माले का कहना है कि सभी ने 22 साल की सजा काट ली है, इसलिए अब उन सभी को रिहा कर देना चाहिए.

"बिहार सरकार ने पूर्व एमपी आनंद मोहन के बहाने अन्य 26 दुर्दांत अपराधियों जो एमवाई समीकरण में फिट बैठते हैं, को रिहा करने का काम किया है. इन सभी के बाहुबल का दुरुपयोग चुनाव में किये जाने की पूरी संभावना है. 2016 में सीएम नीतीश ने ही जेल मैन्युअल में संशोधन किया था और दुष्कर्म, आतंकी घटना में हत्या, ड्यूटी में तैनात सरकारी कर्मचारी की हत्या को ऐसे जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा था. इसमें कोई छूट और नरमी देने से साफ इनकार किया गया था. नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि किस आधार पर सरकार खुद अपने संशोधित कानून को निष्क्रिय कर रही है?"- सुशील कुमार मोदी, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद

क्या है चर्चित अरवल कांड?: गौरतलब है कि 1988 में अरवल के भदासी कांड में 14 लोगों के खिलाफ टाडा लगा था. केस में 4 अगस्त 2003 को सबको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. जेल में बंद 14 कैदियों में 6 लोग ही जीवित बचे हैं. इनमें से कॉ. शाह चांद, कॉ. मदन सिंह, बालेश्वर चौधरी, सोहराई चौधरी और महंगू चौधरी की मौत हो चुकी है. अरवल के माधव चौधरी की मौत 8 अप्रैल 2023 को पीएमसीएमच में इलाज के दौरान हो गई थी. अभी जेल में डॉ. जगदीश प्रसाद, कॉ. चुरामन भगत,कॉ. अरविंद चौधरी, अजित साव, श्याम चौधरी और लक्ष्मण साव बंद हैं.

Last Updated :Apr 26, 2023, 1:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.