हैदराबाद: आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार की सियासत में भूचाल मचा है. बीजेपी आनंद मोहन की रिहाई पर हमलावर है तो वहीं गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आनंद मोहन की रिहाई के पीछे का कारण जातीय राजनीति को ठहराया है. साथ ही उमा देवी ने सवाल किया है कि आखिर एक अपराधी को बाहर लाने की क्या जरूरत थी?
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बोलीं जी कृष्णैया की पत्नी- 'हमारे साथ अन्याय हुआ है': उमा देवी ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. पहले फांसी दिया गया फिर आजीवन कारावास और अब कानून में संशोधन करके जेल से बाहर लाना अच्छा निर्णय नहीं है. हमलोगों को अच्छा नहीं लग रहा है. बहुत गलत हुआ है. इस फैसले से हम सब दुखी हैं.
"बिहार में कास्ट पॉलिटिक्स किया जाता है. वो राजपूत है, बाहर आएगा तो राजपूत वोट मिलेगा. उसे रिहा करने का और क्या मतलब हो सकता है. सीएम को हस्तक्षेप करके अपराधी को बाहर लाने की क्या जरूरत थी. हमें तो लगता है उसे चुनाव में खड़ा कर दिया जाएगा और एमएलए सीट दे दी जाएगी."- उमा देवी,जी कृष्णैया की पत्नी
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आनंद मोहन की रिहाई: बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन सरेंडर करने के लिए मंगलवार को पटना से सहरसा के लिए रवाना हो गए. आनंद मोहन पैरोल सरेंडर करेंगे. उसके बाद जेल में सारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी. सारी प्रक्रिया होने के बाद आनंद मोहन जेल से हमेशा के लिए बाहर आ जाएंगे. वहीं आनंद मोहन की रिहाई का विरोध भी हो रहा है. आनंद मोहन ने नीतीश कुमार के सुर में सुर मिलाया है जिसके बाद से बीजेपी भी रिहाई पर गंभीर सवाल उठा रही है.
जी कृष्णैया हत्याकांड मामला: बता दें कि 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी.कृष्णैया की हत्या मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन को 2008 में उम्र कैद की सजा हुई थी. मई में उनको जेल में सजा काटते हुए 14 साल हो गए. इस दौरान वे पैरोल पर कई बार जेल से बाहर आए. आनंद मोहन सहित कुल 27 लोगों की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है.