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रिश्वत मामले में सीबीआई ने कृषि मंत्रालय के दो अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया मामला

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By ANI

Published : Nov 27, 2023, 5:42 PM IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो पीपीक्यूएस के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप है. सीबीआई ने इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. Central Bureau of Investigation, Bribery case against PPQS officials

Central Bureau of Investigation
केंद्रीय जांच ब्यूरो

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रिश्वत मामले में पौधा संरक्षण, संगरोध और भंडारण निदेशालय (पीपीक्यूएस) के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पौध संरक्षण, संगरोध और भंडारण निदेशालय भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में कृषि और किसान कल्याण विभाग के पौध संरक्षण प्रभाग की एक एजेंसी है.

एफआईआर में उल्लिखित आरोपियों की पहचान संजय आर्य, संयुक्त निदेशक (प्लांट पैथोलॉजी), प्लांट प्रोटेक्शन, क्वारंटाइन एंड स्टोरेज (पीपीक्यूएस), फरीदाबाद और पदम सिंह, तत्कालीन प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर (पीपीओ), प्लांट क्वारंटाइन, विशाखापत्तनम के रूप में की गई है. एफआईआर में कहा गया कि संजय आर्य ने पदम सिंह, पीपीओ, प्लांट क्वारेंटाइन, विशाखापत्तनम के खिलाफ राजेश आचार्य द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर जांच की.

शिकायत में राजेश आचार्य ने आरोप लगाया कि पदम सिंह निर्यातकों से पैसे की मांग कर रहे थे और उनके हितों की बात नहीं मानने पर कारोबार बंद करने की धमकी दे रहे थे. पूछताछ के दौरान, संजय आर्य ने मई 2022 में विशाखापत्तनम का दौरा किया और शिकायतकर्ता से पूछताछ की. जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता राजेश आचार्य ने दोहराया कि पदम सिंह निर्यातकों से पैसे की मांग कर रहे हैं.

समय पर माल की निकासी के संबंध में उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए गए, जिसके कारण जहाजों पर स्टॉक लोड करने में देरी हुई और उन्हें भारी नुकसान हुआ. शिकायत में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने मई और जून 2022 में संजय आर्य को ईमेल भी भेजे थे, जिसमें कहा गया था कि पदम सिंह उनसे प्रशंसा प्रमाणपत्र की मांग कर रहे थे और उनके आवेदनों को मंजूरी भी नहीं दे रहे थे.

इसमें कहा गया कि 'जांच पूरी होने के बाद, संजय आर्य ने शिकायत को बंद करने की सिफारिश की, क्योंकि आरोपों के समर्थन में कोई आपत्तिजनक सबूत नहीं मिला. इसके बाद, मामला बंद कर दिया गया है.' सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि उक्त जांच के संबंध में एक अनुकूल रिपोर्ट देने के लिए, डॉ. संजय आर्य ने एक सतीश सिंह के माध्यम से पदम सिंह से दो बार में अनुचित लाभ के रूप में 2 लाख रुपये स्वीकार किए हैं.

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