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उत्तराखंड : नेपाली पेंशनरों के लिए तीन दिन तक खुलेंगे अंतरराष्ट्रीय झूला पुल

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Published : Jul 8, 2020, 2:20 PM IST

Relief to Nepali pensioners in Uttarakhand
तीन दिन तक खुलेंगे अंतरराष्ट्रीय झूला पुल

भारतीय बैंकों से पेंशन लेने वाले नेपाली पेंशनरों के लिए आज (बुधवार) से तीन दिन के लिए अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों को खोला जाएगा. इस दौरान अन्य लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी. पढ़ें पूरी खबर...

पिथौरागढ़: भारत और नेपाल में लॉकडाउन के चलते तीन महीने से पेंशन नहीं मिलने से परेशान नेपाली पेंशनरों को बड़ी राहत मिली है. उत्तराखंड में नेपाली पेंशनरों के लिए तीन दिन तक अंतरराष्ट्रीय झूला पुल खोले जाएंगे. वहीं, आठ से दस जुलाई तक निर्धारित समय के लिए धारचूला, जौलजीबी और झूलाघाट के पुलों को खोला जाएगा. इस दौरान अन्य लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी.

गौरतलब है कि सेना समेत अन्य विभागों से रिटायर हुए नेपाल के हजारों लोग अंतरराष्ट्रीय पुल बंद होने के कारण भारतीय बैंकों से पेंशन नहीं ले पा रहे थे.

भारतीय बैंकों से पेंशन लेने वाले नेपाली पेंशनरों के लिए आज (बुधवार) से तीन दिन के लिए अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों को खोला जाएगा. नेपाल से आने वाले पेंशनरों के लिए सुबह नौ से एक बजे तक झूला पुल खोले जाएंगे. जबकि तीन बजे से शाम छह बजे तक वापस जाने के लिए पुल खोले जाएंगे. इस दौरान अन्य लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी. साथ ही झूला पुलों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नेपाल से आने वाले सभी पेंशनरों की स्क्रीनिंग भी करेगी.

बता दें कि भारत की गोरखा रेजीमेंट समेत विभिन्न विभागों में हजारों नेपाली पेंशनर ऐसे हैं, जो पेंशन के लिए भारतीय बैंकों पर निर्भर हैं. कोरोना काल में दोनों देशों के बीच झूला पुल बंद होने से यह पेंशनर आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. नेपाली पेंशनरों की फरियाद पर भारत और नेपाल प्रशासन ने पुलों को खोले जाने की अनुमति दे दी है.

गौरतलब है कि नेपाल और भारत के बीच दूरियां बढ़ती दिख रही हैं. नेपाल में नए राजनीतिक नक्शे के पारित होने के बाद भारत के कुछ इलाकों पर अपना हक जताया है. हालांकि, सरकार ने दो टूक लहजे में नेपाल के दावे को खारिज किया है.

नेपाल राजनीतिक अस्थिरता का भी सामना कर रहा है. टकराव के संकेत के रूप में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें हटाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि उन्होंने नेपाल का नया नक्शा जारी किया है, जिसे संवैधानिक संशोधन के जरिए मंजूर कर लिया गया है.

पढ़ें: भारत को नेपाल के प्रति अपनी कूटनीति पर दोबारा मंथन की जरूरत

इस संशोधित नक्शे में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की 400 वर्ग किलोमीटर जमीन को नेपाल में दिखाया गया है. इसमें कोई शक नहीं कि नेपाली प्रधानमंत्री सत्तारूढ़ नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर अकेला पड़ जाने की कमी को विपक्षी नेताओं से अच्छे रिश्ते बना कर, चीन की सहायता मांग कर और भारत विरोधी राष्ट्रीयता को भड़का कर पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.

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