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गंगाजल अब आचमन योग्य, बढ़ी ऑक्सीजन की मात्रा

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Published : Jan 31, 2021, 3:23 PM IST

varanasi
गंगा

प्रदूषण की मार झेल रही गंगा को संजीवनी मिल गई है. मिर्जापुर से लेकर बनारस तक गंगा नदी में गिरने वाले 30 नाले में से 19 पर रोक लगाने के बाद इनके शोधन का काम शुरू कर इसके पानी को गंगा में गिराया जा रहा है. इससे न केवल ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी है, बल्कि गंगा के पानी के रंग में भी बदलाव आया है.

वाराणसी : अपने पूर्वजों को तारने के लिए भागीरथ ने मां गंगा को धरती पर बुलाया था. गोमुख से लेकर गंगासागर तक पतित पावनी मां गंगा कितनों को जीवन देती है. हालांकि, समय के साथ गंगा का पानी भी प्रदूषित होता गया. लेकिन सत्ता बदलने के साथ गंगा को लेकर परिस्थितियां बदलने लगीं, जिसका नतीजा अब धीरे-धीरे दिखने लगा है. यदि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बात करें, तो बनारस में जिस रास्ते से गंगा प्रवेश करती है और जिससे बाहर निकलती है. वहां गंगा में गिरने वाले नालों पर लग रही रोक का असर अब गंगा निर्मली करण के अभियान में दिखने लगा है. बीते सालों की तुलना में गंगा में न सिर्फ ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी है, बल्कि गंगा के पानी के रंग में भी काफी बदलाव आया है.

मिर्जापुर से बनारस तक पानी हुआ साफ
दरअसल, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से गंगा के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम पानी के सैंपल हर रोज लिए जाते हैं. 1 जनवरी से लेकर 29 जनवरी तक की गई सैंपलिंग में यह बात सामने आई है कि मिर्जापुर से वाराणसी के बीच पानी की गुणवत्ता काफी बेहतर हुई है.

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गंगा में बढ़ रही ऑक्सीजन की मात्रा.

इसकी बड़ी वजह यह है कि मिर्जापुर से वाराणसी के बीच करीब 30 नाले गंगा में सीधे गिरा करते थे, लेकिन अलग-अलग जगहों पर 50 एमएलडी 20 एमएलडी और अन्य छोटी आधुनिक एसटीपी इकाइयां बनने की वजह से इन नालों के शोधन की प्रक्रिया को पूरी करने के बाद इसका पानी गंगा में जा रहा है. इस वजह से गंगा में न सिर्फ प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, बल्कि डिसीजन की मात्रा भी काफी बढ़ गई है.

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गंगा में बढ़ रही ऑक्सीजन की मात्रा.

प्रतिदिन स्थिति में सुधार
वाराणसी में अपस्ट्रीम नगवा में गंगा में ऑक्सीजन का लेवल 9 से ऊपर है. वहीं डाउनस्ट्रीम में डिजॉल्व ऑक्सीजन का स्तर 8.2 से 8.5 के बीच रिकॉर्ड किया गया है. इस बारे में गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर कालिका सिंह का कहना है कि जनवरी के पहले सप्ताह से लेकर 29 जनवरी तक के आंकड़ों पर यदि गौर करें, तो गंगा जल की गुणवत्ता में लगातार सुधार होता दिख रहा है.

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गंगा में बढ़ रही ऑक्सीजन की मात्रा.

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नगवा से काशी में प्रवेश करती हैं गंगा

गंगा में रिजॉल्व ऑक्सीजन से लेकर बीओडी और फिकल कॉलीफॉर्म के साथ पीएच की मात्रा लगातार सुधर रही है. नगवा से गंगा काशी के घाटों में प्रवेश करती है और डाउनस्ट्रीम गंगा वरुणा संगम से गाजीपुर से बलिया की ओर बढ़ जाती है. नाले बंद होने से वरुणा के पानी में भी सुधार हुआ है, जिसका असर सीधे गंगा जल की गुणवत्ता पर भी पड़ा है. डाउनस्ट्रीम पर गंगा की गुणवत्ता में सुधार के लिए रोज इसकी सैम्पलिंग होती है और इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिला है.

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गंगा में बढ़ रही ऑक्सीजन की मात्रा.
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गंगा में बढ़ रही ऑक्सीजन की मात्रा.

30 में से 19 नाले हुए बंद
गंगा प्रदूषण को लेकर लगातार सरकार की तरफ से बनाए जा रहे एसटीपी का असर गंगा के पानी की बेहतर गुणवत्ता में देखने को मिल रहा है. अफसरों की मानें तो मिर्जापुर से लेकर गाजीपुर और बलिया के बीच में 30 नाले सीधे गंगा में गिरा करते थे. लेकिन इनमें से 19 पर रोक लगाने के बाद इनके शोधन का काम शुरू कर इसके पानी को गंगा में गिराया जा रहा है, जबकि छह अन्य नालों पर काम चल रहा है. बाकी बचे नालों को भी जल्द बंद कर गंगा को और भी बेहतर तरीके से साफ करने का काम किया जाएगा. जिससे डीजॉल्व ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी और जलीय जीवों के लिए गंगा का पानी जीवनदायक हो जाएगा.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.
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गंगा में बढ़ रही ऑक्सीजन की मात्रा.

फिलहाल, लगातार गंगा के पानी में हो रहे बदलाव से पानी आचमन योग्य भी है और नहाने योग्य भी. गौरतलब है कि किसी भी नदी या सरोवर में ऑक्सीजन का लेवल 6 एमजी या इससे ज्यादा होना चाहिए. इससे कम होने पर स्थिति चिंताजनक होती है.

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