नई दिल्ली: अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के बाद वहां के हालात बद से बदतर हो गए और इसके बाद हजारों अफगान नागरिक देश छोड़ने के लिए मजबूर हो गए. कई अफगान सांसदों को भी देश छोड़ना पड़ा.
अफगानिस्तान में ताबिलानी के कब्जे के बाद वहां रह रहे सिख और हिंदू परिवारों को देश छोड़ना पड़ा और उनमें से सैकड़ों लोगों ने भारत मे शरण ली है. इनमें अफगानी सांसद नरेंद्र सिंह खालसा भी शामिल हैं.
नरेंद्र सिंह खालसा ने बताया कि अभी तो वहां के हालात बहुत ही खराब हैं और हालत कब तक ठीक होंगे इस बात की कोई गारंटी नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके दादा भी वहीं रहते थे और उनका बचपन वहीं गुजरा है.
उन्होंन बताया कि 2019 में वह सांसद बने लेकिन सांसद बनने के बाद इस तरह के हालात की कल्पना नहीं की थी. उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले भी दो तीन बार वहां के हालात ऐसे हुए थे, लेकिन तब देश छोड़ने की नौबत नहीं आई थी. वह भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि वहां से लौटे लोगों की मदद करे.
अफगान सांसद खालसा ने बताया कि भारत लौटने के बाद तालिबान ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया, जिससे ये पता चले कि वो सांसदों को मान्यता देंगे या नहीं.
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हालांकि, उनका ये भी कहना है कि वह भारत से वहां के सांसद होने के नाते वहां की सिख बिरादरी की मदद की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मन में कसक है अफगान में रह रहे लोगों की सेवा करने की, लेकिन हालात से मजबूर हैं और बस उम्मीद कर रहे हैं कि हालात बेहतर हों.