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बैंजो का देसी जुगाड़ : बैंजो के बादशाह हैं सूरजपुर के जगमोहन, फिल्मी गाने की धुन पर सुनाते हैं तान

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Published : Feb 13, 2022, 12:38 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 5:21 PM IST

Jagmohan Vishwakarma makes banjo in Surajpur: सूरजपुर के जगमोहन विश्वकर्मा देसी जुगाड़ से बैंजो जैसे मंहगे वाद्ययंत्र बनाते हैं. इतना ही नहीं ये संगीतकार होने के साथ-साथ एक अच्छे पेंटर भी हैं. बड़े-बड़े नेता जगमोहन की कला के मुरीद हो चुके हैं.

Jagmohan Vishwakarma makes banjo from indigenous jugaad
बैंजो का बादशाह जगमोहन विश्वकर्मा

सूरजपुर: कहते हैं कि योग्यता किसी दस्तावेज की मोहताज नहीं होती. ये बात सूरजपुर के जगमोहन विश्वकर्मा पर बिल्कुल सटीक बैठती है. जगमोहन न सिर्फ बेहतर पेंटिंग करते हैं बल्कि एक संगीतकार के गुण भी उनके अंदर विद्यमान हैं. इसके अलावा वो बिना किसी सुविधा के बैंजो जैसा आधुनिक वाद्ययंत्र देसी जुगाड़ से बनाते (Jagmohan Vishwakarma makes banjo in Surajpur) हैं. उनकी कला को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भी उनका सम्मान कर चुके हैं. हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इनकी तारीफ की थी.

बैंजो का बादशाह जगमोहन विश्वकर्मा

राहुल गांधी को भेंट की थी पेंटिंग

जगमोहन सूरजपुर के एक छोटे से गांव केवरा के रहवासी हैं. ये बैंजो पर फिल्मी गाने की धुन निकालते हैं. इनकी खासियत यह है कि ये बैंजो को देसी जुगाड़ से बनाते हैं. यह वाद्य यंत्र बाजार में काफी महंगे दामों में बिकता है. जगमोहन हर किसी की पहुंच से दूर इस वाद्य यंत्र को मध्यमवर्गीय परिवार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. जगमोहन न सिर्फ वाद्य यंत्र बनाते और बजाते हैं बल्कि ये एक अच्छे चित्रकार भी हैं. इनकी बनाई गई पेंटिंग से स्थानीय लोगों के साथ ही कई बड़ी हस्तियां भी प्रभावित हुई हैं. इन्हें अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ के कई मुख्यमंत्रियों ने सम्मानित किया है. हाल ही में छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को भी जगमोहन ने उनकी पेंटिंग भेंट की थी. राहुल गांधी ने भी उनकी तारीफ की थी.

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कला की कद्र नहीं होने से निराश हैं जगमोहन

हालांकि जगमोहन इस बात से अक्सर निराश रहते हैं कि उनकी कला की कद्र नहीं हो पाई है. वे कहत हैं ''यदि इस कला को बच्चों और युवाओं तक पहुंचाया जाए तो इस कला की वजह से देश ही नहीं विदेशों में भी एक नई पहचान बनाई जा सकती है.'' जगमोहन की कला से स्थानीय लोग भी काफी प्रभावित हैं. उनकी भी यह मंशा है कि इस कला का विस्तार प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो. जगमोहन इस गांव की पहचान बन गए हैं, जिसको लेकर स्थानीय लोग भी काफी खुश नजर आ रहे हैं. भले ही जगमोहन को इस बात का मलाल रहा हो कि इतने सालों के बावजूद उनकी कला की कद्र नहीं हो सकी है.

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कलेक्टर ने की अनोखी पहल

सूरजपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने जिले में रंगमंच का शुभारंभ करने का निर्णय लिया है, जिसमें जगमोहन को बच्चों के ट्रेनर के रूप में नियुक्त किया गया है. इस पहल से बच्चों को अच्छी ट्रेनिंग मिलेगी, वहीं जगमोहन इस कला को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी लेकर जा सकेंगे. ये ट्रेनिंग जगमोहन के लिए आय का जरिया भी बनेगी. जगमोहन कहते हैं कि उन्हें हमेशा आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा है. अच्छा कलाकार होने के बावजूद जगमोहन के सामने हमेशा आर्थिक संकट बना रहा. ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा उनको रोजगार दिया जाना एक अच्छी पहल है.

Last Updated :Feb 14, 2022, 5:21 PM IST
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