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सूरजपुर: गंगा दशहरा पर भी लॉकडाउन का असर, इस साल नहीं लगा मेला

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Published : Jun 4, 2020, 10:12 PM IST

कोरोना वायरस (कोविड 19) के कारण गंगा दशहरा पर हर साल लगने वाले मेले को इस साल स्थगित कर दिया गया है. इस साल गंगा दशहरा मनाए जाने वाले तालाब के आसपास सन्नाटा पसरा रहा. जबकि हर साल यहां सैकड़ों की संख्या में लोग आते थे.

The effect of lockdown on Ganga Dussehra in surajpur
गंगा दशहरा पर भी लॉकडाउन का असर

सूरजपुर: हर साल गंगा दशहरा के मौके पर प्रतापपुर क्षेत्र में मेले का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस (कोविड 19) के कारण गंगा दशहरा के मौके पर लगने वाले मेले को स्थगित कर दिया गया है.

सादगी से मना गंगा दशहरा

प्रतापपुर में लगता था 5 दिनों का लगता था मेला

गंगा दशहरा काफी प्राचीन समय से ही चली आ रही है. इस मौके पर गांव में कठपुतलियों की शादी कराई जाती है और दशहरा के अंतिम दिन उसे तालाब विसर्जित कर दिया जाता है.

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कोरोना वायरस के बीच मनाया गया गंगा दशहरा

इस साल इसके विपरीत ही नजारा देखने को मिल रहा है. इस साल लोगों ने करोना वायरस को देखते हुए किसी भी तरह के आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. साथ ही प्रशासन ने भी तमाम गतिविधियों पर नजर रखा है. हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों ने सादगी से गंगा दशहरा मनाया है.

सदियों से चल रही है परंपरा

मान्यता है कि जो जलाशय कमल के पत्तों से भरा होता है, मां गंगा वहां विराजती हैं इसलिए जलाशय को गंगा तुल्य मानकर विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही गंगा दशहरे के अवसर पर कठपुतली विवाह करने की पंरपरा सदियों से यहां चली आ रही है. सरगुजा के ग्रामीण अंचलों में गंगा दशहरा के अवसर पर कठपुतली विवाह करने की प्रथा प्राचीन समय से चली आ रही है, जो लोगों को अपनी ओर काफी आकर्षित भी करती है.

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