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घर द्वार छूटा: नक्सली फरमान के बाद 3 परिवारों ने छोड़ा गांव

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Published : Jan 10, 2021, 10:27 AM IST

Updated : Jan 10, 2021, 5:02 PM IST

नक्सलियों ने सुकमा जिले के बड़े केड़वाल गांव के तीन परिवारों को मुखबिरी का आरोप लगाते हुए गांव से निकाल दिया. घर, जमीन होने के बाद भी ये परिवार अब दूसरे गांव जाकर रहने को मजबूर है.

Maoists evacuate three families from village in Sukma
गांव से निकाला गया परिवार

सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने बड़े केडवाल में रह रहे 3 परिवार को गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया. नक्सलियों के फरमान के बाद परिवार ने तत्काल गांव छोड़ दिया. इसमें से दो परिवार ओडिशा के बटनवाड़ा गए और एक परिवार सुकमा के कुड़केल में है. एसपी केएल ध्रुव ने इसकी पुष्टि की है.

नक्सली फरमान के बाद 3 परिवारों ने छोड़ा गांव

एक सप्ताह का दिया था अल्टीमेटम
पीड़ित परिवार ने बताया कि नक्सलियों ने उन्हें गांव छोड़ने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया था. नक्सलियों के अल्टीमेटम के बाद परिवार डरा हुआ था. पीड़ित परिवार ने बताया कि गुरुवार को वे 5 ट्रैक्टर लेकर गांव गए और शुक्रवार को सामान लेकर सुकमा में अपने परिजन के यहां आ गए.

पुलिस मुखबिरी के आरोप में हत्या
पीड़ित परिवारों ने बताया कि 17 नवंबर 2020 को पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर पोडियामी बलराम की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद से पूरा परिवार दहशत में है. परिजनों ने बताया की उनके परिवार का सदस्य बलराम गाय चराने के लिए गया हुआ था. इस दौरान उसे नक्सली उठाकर ले गए. परिजनों और आसपास के ग्रामीणों ने बलराम को छोड़ने के लिए काफी मिन्नतें की, लेकिन नक्सलियों ने किसी की न सुनी.

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हत्या से पहले शरीर पर डाला गर्म तेल

पीड़ित परिवार ने बताया कि नक्सलियों ने पहले बलराम पर डंडे से कई वार किए और फिर उसके शरीर पर गर्म तेल डाल दिया. बाद में उसके परिवार के सामने की उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई. गांव छोड़ चुके परिवार ने बताया कि नक्सली आए दिन इस तरह की वारदात को अंजाम देते रहते है. यही कारण के कि ग्रामीणों को अपना घर-बार छोड़कर दूसरे जगह जाना पड़ रहा है.

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गांव से बाहर जाने के लिए लेनी पड़ती है नक्सलियों की अनुमति

ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी नक्सलियों की दहशत के कारण कई परिवार गांव छोड़कर जा चुके है. अगर किसी को गांव से बाहर जाना होता है तो इसके लिए उन्हें नक्सलियों से अनुमति लेनी पड़ती है. यहां तक कि बीमार होने पर भी इलाज के लिए बाहर जाने के लिए अनुमति लेने की जरूरत पड़ती है.

Last Updated :Jan 10, 2021, 5:02 PM IST
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