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Sukma Bandh: ताड़मेटला मुठभेड़ पर बस्तर में फूटा सर्व आदिवासी समाज का गुस्सा, सुकमा बंद रहा सफल

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 23, 2023, 10:45 PM IST

All tribal Society Called Sukma Bandh
ताड़मेटला मुठभेड़ पर छत्तीसगढ़ में लगातार विरोध

Sukma Bandh ताड़मेटला मुठभेड़ पर छत्तीसगढ़ में लगातार विरोध के स्वर उठ रहे हैं. शनिवार को सर्व आदिवासी समाज ने ताड़मेटला कांड पर सुकमा बंद का आह्वान किया था. जिसका व्यापक असर देखे को मिला है. All tribal Society Called Sukma Bandh

सुकमा बंद रहा सफल

सुकमा: सुकमा के ताड़मेटला में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ को लेकर विरोध के स्वर थमते नहीं दिख रहे हैं. बीते पांच सितंबर को यह मुठभेड़ हुआ था. उसके बाद से लगातार बस्तर में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. गांव वाले, आदिवासी समाज और सर्व आदिवासी समाज इस एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं. जबकि पुलिस इसे सही बता रही है. ताड़मेटला एनकाउंटर के विरोध में शनिवार को सुकमा बंद का आह्वान सर्व आदिवासी समाज ने किया था. इस बंद का व्यापक असर देखने को मिला.

सर्व आदिवासी समाज ने निकाली मोटरसाइकिल रैली (Protest Against Tadmetla Encounter ): सुकमा बंद के दौरान सर्व आदिवासी समाज ने मोटरसाइकिल रैली निकाली. लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की गई थी. इस दौरान मेडिकल सुविधा और आपातकालीन सेवाओं को छूट दी गई थी. उसके अलावा सुकमा पूरी तरह से बंद दिखा. यहां दुकानें बंद दिखी. सर्व आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि ताड़मेटला मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी है. एक ग्रामीण पुलिस की ही गाड़ी चलाया करता था. उसी से ही गाड़ी की खरीदी भी किया था. ऐसे में वह कैसे नक्सली साबित होता है. इस घटना के बाद ना जिम्मेदार ताड़मेटला पहुंचे. ना कोई विधायक पहुंचा. ना ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां आए. इस मामले की जांच होनी चाहिए. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

"ताड़मेटला में जिन दो ग्रामीणों को नक्सली बताकर मारा गया. उनका नक्सलवाद और नक्सलियों से कोई नाता नहीं था. उन ग्रामीणों के पास ट्रैक्टर, आटा चक्की की मशीन और आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड जैसे कई सरकारी दस्तावेज मिले हैं. जोकि नक्सलियों का नहीं बनता है. इसके बावजूद भी नक्सली बताकर पुलिस ने उनको मार गिराया.इस घटना के बाद सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी जांच के लिए ताड़मेटला जा रहे थे. लेकिन उन्हें रोक दिया गया. जो कहीं ना कहीं फर्जी मुठभेड़ को दर्शाता है.पुलिस अपने कार्य को छुपाना चाह रही है": सदस्य, सर्व आदिवासी समाज

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क्या है पुलिस का कहना: पुलिस के मुताबिक 5 सितंबर को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षाबल के जवानों को ताड़मेटला के जंगलों में रवाना किया गया था. जहां जवानों का सामना नक्सलियों से हो गया. दोनों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए. ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि मुठभेड़ के अगले दिन सुकमा पुलिस ताड़मेटला में पहुंची हुई थी. उन्होंने दोनों कथित मृत नक्सलियों को जला दिया था. अधजली लाश को छोड़कर पुलिस के जवान वापस लौटे थे. जिसका ग्रामीणों ने अगले दिन अपने रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया था. जिसका वीडियो भी निकाल कर सामने आया था.

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