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अंधविश्वास ने ली जान, सर्पदंश के शिकार युवक की मौत

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Published : Aug 28, 2019, 6:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

जिला अस्पताल

अंधविश्वास और झाड़-फूंक की वजह से सर्पदंश के शिकार युवक ने तोड़ा दम

अंबिकापुर: अंधविश्वास लोगों के जहन से निकलने का नाम नहीं ले रहा है. इससे हर साल दर्जनों जिंदगियां काल के गाल में समां जाती हैं. सोमवार की रात जगजीवन सिंह घर में जमीन पर सो रहा था तभी जहरीले सांप ने डस लिया.

इलाज के अभाव में मौत

युवक ने परिजन इलाज कराने के बजाय युवक का झाड़-फूंक कराने लगे, इसकी वजह से समय बर्बाद होता चला गया. काफी देर तक झांड़-फूंक के बाद भी जब युवक की तबीयत में सुधार नहीं हुआ, तो परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे. लेकिन तब-तक काफी वक्त बीत चुका था और समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से युवक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

जमीन पर सो रहा था युवक
जयनगर के सुदामानगर गांव में रहने वाला जगजीवन सिंह, सोमवार की रात जमीन पर सो रहा था, इसी दौरान रात करीब एक बजे जहरीले सांप ने उसे डस लिया. परिवारवालों को जैसे ही पता लगा कि जगजीवन को सांप ने डस लिया है, वो झाड़-फूंक के लिए उसे ओझा के पास ले गए.

इलाज के दौरान तोड़ा दम
ओझा करीब दो घंटे तक झांड़-फूंक के जरिए युवक को ठीक करने की कोशिश करता रहा, लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ती चली गई, तो परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

घंटों चलता रहा अंधविश्वास का खेल
जगजीवन की मौत के बाद उसे जिंदा करने के लिए अंधविश्वास का खेल दोबारा शुरू किया गया. हैरान करने वाली बात यह है कि, जब पुलिस की टीम परिजन के पास पोर्टमार्टम कराने के लिए जगजीवन का शव लेने पहुंची तो उन्होंने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि, झाड़-फूंक के लिए बैगा आ रहा है.

पोस्टमार्टम कराने के लिए नहीं होते तैयार
अस्पताल थाना प्रभारी निर्मला कश्यप ने बताया कि 'झाड़-फूंक का यह पहला मामला नहीं है, जिसमें परिजन बैगा और ओझा की ओर से तंत्र-मंत्र कर मृत व्यक्ति को जिंदा करने की बात करते हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस की ओर से समझाइश देने के बाद ही परिवार वाले मृतक का पोस्टमार्टम करने को तैयार होते हैं'.

मरीज की हो जाती है मौत
अस्पताल अधीक्षक रविकांत दास ने बताया की सांप के डंसने की स्थिति में आज भी ग्रामीण अंचल के में लोग इलाज कराने से ज्यादा अंधविश्वास और झाड़-फूंक में के भरोसे रहते हैं, जिससे अधिकतर केस में मरीजों की मौत हो जाती है.

Intro:अम्बिकापुर- अंधविश्वास लोगों के जहन से निकलने का नाम नहीं ले रहा है। इससे हर साल दर्जनों जिंदगियां काल के गाल में समा जाती हैं। सोमवार की रात जगजीवन सिंह घर में जमीन पर सो रहा था तभी जहरीले सांप ने उसे काट लिया। परिजन उसे इलाज कराने के बजाय झाड़-फूंक कराने लगे। इसमें अधिक समय जाया होने व थक हार कर अंत में अस्पताल ले जाने के चलते उसकी मौत हो गई।


Body:जयनगर थाना क्षेत्र के ग्राम सुदामानगर निवासी 34 वर्षीय जगजीवन सिंह पिता घरबरन सोमवार की रात परिवार खाना खा कर घर में जमीन पर सो रहा था रात तकरीबन एक बजे उसके कान में जहरीले सांप ने डस लिया। इसके बाद परिजन पीड़ित को गांव में ही झाड़-फूंक कराने लगे। एक-दो घंटे अंधविश्वास के नाटक के बाद उसकी हालत और बिगड़ गई । सुबह 6 बजे संजीवनी 108 से उसे मेडिकल कॉलेज चलाया गया यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

लेकिन परिजन जगजीवन की मौत होने के बाद भी जिंदा मान रहे थे परिजन दावा कर रहे थे कि झाड़-फूंक से जगजीवन जिंदा हो जायेगा। पुलिसकर्मी पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्रवाई के लिए जब परिजनों के पास पहुंची तो परिजनों ने उन्हें रोकते हुए कहा झाड़ फूंक करने के लिए बैगा आ रहा है और पोस्टमार्टम करने से मना करने लगे।


Conclusion:अस्पताल थाना प्रभारी निर्मला कश्यप ने बताया की झाड़-फूंक का यह पहला मामला नहीं है जिसमें परिजन बैगा और ओझा द्वारा तंत्र मंत्र से मृत व्यक्ति को जिंदा करने की बात करते हैं। ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मी को काफी समझाइश देने के बाद ही परिवार वाले मृतक का पोस्टमार्टम करने को तैयार होते हैं।

अस्पताल अधीक्षक रवि कांत दास ने बताया की सांप काटने की स्थिति में आज भी ग्रामीण अंचल के व्यक्ति अंधविश्वास में मेडिकल की दवाई से ज्यादा विश्वास और झाड़-फूंक में लगाते है जिससे अधिकतर केस में मरीजों की मौत हो जाती है ।

बाईट 01 - निर्मला कश्यप (अस्पताल चौकी प्रभारी)

बाईट 02- रवि कांत दास (अस्पताल अधीक्षक)

Last Updated :Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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