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अनोखी रामभक्ति! इस मंदिर में 30 साल से चल रहा 'सीता-राम' बैंक, भक्त जमा करते हैं राम नाम की पर्ची

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Published : Jul 28, 2021, 9:44 PM IST

'Sita-Ram' Bank
'सीता-राम' बैंक

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में पिछले 30 वर्षों से 100 वर्ष पुराने एक हनुमान मंदिर में 'सीता-राम' नाम से एक बैंक चल रहा है. इस बैंक में लोग राम नाम की पर्चियां जमा करते हैं. यहां अब तक 3 लाख से अधिक पर्चियां जमा हो चुकी है.

राजनांदगांव: राम मंदिर निर्माण के लिए राम भक्त वर्षों से संघर्ष करते आ रहे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से रामभक्तों द्वारा मंदिर निर्माण के लिए तरह-तरह की कोशिशें की गईं. राम के नाम की ईंटें अयोध्या पहुंचाई गईं, चंदा इकट्ठा किया गया, साथ ही सरकार पर भी मंदिर निर्माण की मंजूरी और जमीन विवाद सुलझाने के लिए दबाव बनाया गया. लिहाजा आज अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए तैयारियां हो रही हैं. अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए अब तक की जद्दोजहद में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के एक मंदिर का भी विशेष योगदान है.

'सीता-राम' बैंक

सीता-राम नाम का बैंक

राजनांदगांव शहर के एक मंदिर में पिछले 30 वर्षों से सीता-राम नाम का एक बैंक संचालित किया जा रहा है. जिसमें राज्य के अलग-अलग हिस्सों से लोग इस बैंक में राम नाम लिखकर पर्चा जमा कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र के लोग भी यहां आते हैं और भगवान राम के मंदिर के लिए इस बैंक का हिस्सा बनते हैं. शहर के सीता-राम बैंक में अब तक करीब 3 लाख से अधिक सीता-राम लिए हुए पर्चे जमा हो चुके हैं, जिसे अयोध्या और गंगा किनारे बसे धार्मिक स्थलों पर भेजा जाता है.

100 साल पुराने मंदिर में है बैंक

सीता-राम के नाम पर जिस बैक का संचालन राजनांदगांव में हो रहा है, वह शहर से करीब 2 किलोमीटर दूर रायपुर नेशनल हाइवे पर स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर पर है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह मंदिर 100 वर्षों से अधिक पुराना है. यहां भक्त सीता-राम नाम लिखे पर्चे लेकर जाते हैं और सीता-राम नाम लिखकर पर्चियों को वापस मंदिर में स्थापित बैंक में जमा कर देते हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक 3 लाख से अधिक पर्चियां जमा हो चुकी हैं. इन पर्चियों को अयोध्या और गंगा किनारे बसे धार्मिक जगहों पर भेजा जाता है और सीता-राम नाम की पर्ची को आटा में गूथकर मछलियों को खिलाया जाता है.

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हनुमान जी के साथ भगवान शिव का भी मंदिर

धार्मिक और ऐतिहासिक इस हनुमान मंदिर के परिसर में भगवान शिव का मंदिर भी है. साथ ही मां पार्वती और गणेश जी की भी मूर्तियां मंदिर में स्थापित है. यहां भक्त हजारों की तादाद में पूजा के लिए आते हैं. इलाके में मंदिर को लेकर एक मान्यता यह है कि राजनांदगांव रियासत के राजा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. इस मंदिर में आने वाले लोगों की मुरादें और मन्नतें पूरी होती हैं. राजनांदगांव के राजा द्वारा द्वारपाल के तौर पर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था, ताकि भगवान हनुमान जी रियासत की रक्षा और सुरक्षा करें.

भगवान राम के भक्तों ने सीता-राम लिखने की इस आस्था को लेकर कहा कि जब एक लाख से अधिक भगवान राम की पर्चियां जमा हो जाती है तो वहां बारिश शुरू हो जाती है. मंदिर में ऐसा दो बार हो चुका है. सीता-राम की पर्ची को अयोध्या, गंगा किनारे बसे धार्मिक जगहों पर भेजा जाता है.

क्या है मान्यता ?

मंदिर के पुजारी के मुताबिक, मछलियों को पर्चियों के साथ आटा गूथकर खिलाने के पीछे एक मान्यता है. मान्यता के अनुसार यदि कोई मांसाहारी है, तो इसके प्रभाव से उसकी अंतरात्मा शुद्ध होगी और पाप धुलेंगे. मान्यता है कि सीता-राम नाम की पर्ची लिखने से मन को सुकून मिलता है और बीमारियां भी दूर हो जाती है. बकौल पुजारी, 'पिछले 12 वर्षों से इस मंदिर की सेवा करते आ रहा हूं. मंदिर में आस्था और विश्वास से जो भक्त मन्नतें लेकर आते हैं, उनकी मुरादें पूरी होती है. दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं.'

राम की इस अनोखी भक्ति को लेकर एक रामभक्त ने कहा कि, अभी तक आपने बैंक में पैसे जमा करते हुए लोगों को देखा और सुना होगा, लेकिन हम बात कर रहे हैं ऐसे बैंक की जहां पर भक्त सीता-राम लिखकर पर्चियां बैंक में जमा करते हैं. शहर के पार्रीनाला में स्थित सिद्ध मंदिर में बैंक संचालित है. मंदिर में बाहर से आने वाले भक्तों की रूकने और खाने की व्यवस्था भी मुफ्त है.

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